भगोड़े नीरव मोदी ने लंदन अदालत में किया सनसनीखेज दावा

मुंबई 

लंदन की जेल में लगभग छह साल से बंद भगोड़े कारोबारी नीरव मोदी ने चौंकाने वाला दावा किया है. नीरव मोदी ने कहा कि उनके खिलाफ चल रहे प्रत्यर्पण मामले में अगले महीने ‘सनसनीखेज खुलासे’ देखने को मिलेंगे. यह बयान उन्होंने लंदन की रॉयल कोर्ट ऑफ जस्टिस में एक अलग कानूनी मामले की सुनवाई के दौरान दिया, जो बैंक ऑफ इंडिया के 80 लाख डॉलर के बकाया कर्ज से जुड़ा है.

54 वर्षीय हीरा कारोबारी नीरव मोदी पंजाब नेशनल बैंक (PNB) के 6,498 करोड़ के लोन घोटाले के आरोप में भारत को वॉन्टेड है. नीरव मोदी पीएनबी घोटाला सामने आने से पहले ही जनवरी 2018 में भारत से फरार हो गए थे. उन पर आरोप है कि उन्होंने अपने मामा मेहुल चौकसी के साथ मिलकर 13,000 करोड़ रुपये से अधिक की धोखाधड़ी की. उन्होंने अदालत में कहा, ‘वे मेरे प्रत्यर्पण की बात करते हैं… मैं अब भी यहां हूं. अगले महीने कुछ सनसनीखेज घटनाक्रम होंगे, और मैंने पहले कभी ऐसे शब्दों का इस्तेमाल नहीं किया.’

नीरव ने इस सुनवाई में खुद को ही अपने वकील के रूप में पेश किया. अदालत में उन्होंने अपने हाथ से लिखे कई नोट्स से पढ़ते हुए दलीलें दीं. फटे पुराने सफेद टी-शर्ट और गुलाबी ट्रैक पैंट में नजर आए नीरव ने अपनी आंखों की कमजोरी और जेल में कंप्यूटर तक पहुंच न मिलने जैसी समस्याओं का हवाला देते हुए कहा कि इन परिस्थितियों में मुकदमे की प्रक्रिया ‘अनुचित और असंतुलित’ है.

उन्होंने कहा, ‘मैं समझता हूं कि यह विरोधी प्रक्रिया है और वे (भारतीय बैंक) मेरे खिलाफ कुछ भी कह सकते हैं. लेकिन वे बार-बार गलत धारणाएं बना रहे हैं. मैं उनसे कहूंगा कि जेल में एक दिन रहकर देखें, तब खुद ब खुद कॉमन सेंस आ जाएगा.’

नीरव ने कहा कि उन्हें ‘पूरी उम्मीद’ है कि या तो उन्हें बरी कर दिया जाएगा या जमानत मिल जाएगी, क्योंकि अदालत ने उनके पक्ष से प्रस्तुत ‘नए सबूत’ स्वीकार कर लिए हैं, जबकि ऐसे मामलों में यह बहुत दुर्लभ होता है.

हालांकि, हाई कोर्ट के जज साइमन टिंकलर ने जेल में तकनीकी और चिकित्सकीय सीमाओं का हवाला देते हुए कार्यवाही पर रोक लगाने की नीरव मोदी की अर्जी खारिज कर दी. अदालत ने यह जरूर कहा कि सुनवाई निष्पक्ष रहे, इसके लिए कंप्यूटर और दस्तावेजों की हार्ड कॉपी जैसी आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी. जेल प्रशासन ने अदालत को आश्वासन दिया कि एक हफ्ते के भीतर नीरव को कंप्यूटर मुहैया कराया जाएगा.

इस बीच, यूके की क्राउन प्रॉसिक्यूशन सर्विस (CPS) ने पुष्टि की है कि नीरव मोदी ने आधिकारिक रूप से अपने प्रत्यर्पण अपील को दोबारा खोलने का आवेदन दिया है. भारतीय एजेंसियों ने इस पर अपनी प्रतिक्रिया जमा कर दी है और सुनवाई नवंबर के अंत में निर्धारित की गई है. यह घटनाक्रम उस केस में नया मोड़ माना जा रहा है जो ब्रिटेन के होम ऑफिस द्वारा प्रत्यर्पण आदेश जारी होने के बाद लगभग ठंडा पड़ गया था.

नीरव मोदी मार्च 2019 से लंदन की जेल में बंद हैं. इस दौरान उन्होंने कई बार जमानत की कोशिश की, लेकिन हर बार अदालत ने यह कहते हुए याचिका खारिज कर दी कि वे ‘फ्लाइट रिस्क’ यानी फरार होने का खतरा हैं.

 

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