बलरामपुर
यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ रविवार को बलरामपुर में अपने रौ में रहे। उन्होंने एक तरफ विकास की बातें कहीं तो दूसरी तरफ खुले शब्दों में कहा कि मैं दंगाइयों को चेतावनी देने यहां आया हूं। सीएम ने शारदीय नवरात्रि व विजयादशमी के पूर्व बलरामपुर वासियों को 825 करोड़ की 124 विकास परियोजनाओं का लोकार्पण व शिलान्यास किया।
सीएम योगी ने कहा कि कुछ लोग रहते भारत में हैं, लेकिन गजवा ए हिंद का नारा लेकर यहां राष्ट्रविरोधी गतिविधियों को बढ़ावा देने का कुत्सित कार्य कर रहे हैं। हिंदुस्तान की धरती पर गजवा ए हिंद नहीं होगा। भारत की धरती दैवीय-अवतारी, देश के लिए बलिदान देने वाले महापुरुषों के आदर्शों से संचालित होगी। गजवा ए हिंद की कल्पना या सपना देखना भी जहन्नुम में जाने के टिकट का रास्ता देगा। जिसे जहन्नुम में जाना है, वह गजवा ए हिंद के नाम पर अराजकता पैदा करने का प्रयास करे।
उन्होंने चेतावनी भरे लहजे में कहा कि छद्म रूप में जो लोग ऐसी गतिविधियों में लिप्त हैं, वे कान खोलकर सुन लें कि देर-सबेर उनका हाल भी छांगुर जैसा ही होना है।
जलालुद्दीन ने अपना उपनाम छांगुर बाबा रख दिया था, क्योंकि उसका उद्देश्य था कि हिंदू भ्रम में रहें और वह समाज की आंखों में धूल झोंकता रहे, लेकिन पापी कितना भी प्रयास कर ले, उसके पाप का घड़ा भरना ही है। धरती मां उसे बर्दाश्त नहीं कर पाएगी। छांगुर जैसे दुष्कर्मियों व राष्ट्रद्रोही तत्वों के द्वारा बलरामपुर की धरती से यही कार्य किया जा रहा था। जो लोग हिंदुस्तान की धरती पर रहकर भारत और हिंदू विरोधी गतिविधियों में लिप्त हैं, ऐसे कालनेमियों से सतर्क रहना होगा और सख्ती से जवाब देना होगा। स्थानीय प्रशासन व पुलिस को सजग करना होगा और इनकी गतिविधियों के बारे में शासन को अवगत कराना होगा, जिससे इन पर सरकार नकेल कस सके।
सीएम योगी ने कहा कि कुछ लोगों को शांति व विकास अच्छा नहीं लगता, क्योंकि लातों के भूत बातों से नहीं मानते। इन्हें लगता है कि सरकार इनके सामने झुककर कार्य करेगी, लेकिन डबल इंजन सरकार का पहले दिन से निर्णय है कि अपराध व अपराधियों, गद्दारों व देशद्रोहियों के प्रति जीरो टॉलरेंस की नीति के तहत कार्य होगा। हमारी संवेदना बेटियों-बहनों, नौजवानों, गरीबों, किसानों, व्यापारियों-उद्यमियों, भारत को मां और महापुरुषों को सम्मान देने और भारतीय परंपरा-संस्कृति के प्रति आदर का भाव रखने वालों के लिए है। इन मूर्खों को यह भी नहीं पता कि आस्था के प्रतीकों को प्यार नहीं, सम्मान दिया जाता है। आस्था चौराहे पर प्रदर्शन की वस्तु नहीं, बल्कि अंतःकरण का विषय है। यह कमजोर और कायर हैं। जिन बच्चों के हाथों में कलम, नोटबुक, विज्ञान व गणित की पुस्तकें होनी चाहिए, उनके हाथों में 'आई लव मोहम्मद' का पोस्टर देकर कुछ लोग समाज में अराजकता पैदा कर रहे हैं। उनकी जिंदगी तो बर्बाद है, लेकिन यह लोग बच्चों की जिंदगी भी बर्बाद करने पर आमादा है। सरकार ऐसी अराजकता को स्वीकार नहीं करेगी। जिसने भी कानून हाथ में लिया, राहगीरों पर हमला, बेटियों की सुरक्षा पर सेंध, व्यापारिक प्रतिष्ठानों में आगजनी करने का दुस्साहस, पर्वों पर उपद्रव किया, बिना मांगे उसके जहन्नुम में जाने का टिकट कटवा देंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि विकास में हर व्यक्ति की भागीदारी सुनिश्चित की गई है। गांव-गांव का विकास हो रहा है। बिना भेदभाव युवाओं को नौकरी-रोजगार व नागरिकों को शासन की योजनाओं का लाभ उपलब्ध कराया जा रहा है, फिर अराजकता कैसे? कुछ चंद लोगों को माहौल खराब करने की छूट नहीं देनी चाहिए। यह वही लोग हैं जिन्होंने यूपी की भ्रष्ट सरकारों के साथ मिलकर प्रदेश के सामने पहचान का संकट खड़ा किया था, जिनके दंगों के कारण प्रदेश में उद्योग, विकास व निवेश नहीं आता था। पिछले साढ़े आठ वर्षों में उनकी मंशा सफल नहीं हुई तो वे नए तौर-तरीके अपना रहे हैं।
सीएम योगी ने दंगाइयों को सख्त लहजे में समझाया कि वे जितना सोचते हैं, उससे ज्यादा तैयारी हमारी पहले से रहती है। जब भी दुस्साहस करोगे, वैसे ही पिटोगे, जैसे बरेली में पीटे गए हो। एक तरफ विकास अनवरत आगे बढ़ रहा है और दूसरी तरफ कुछ तत्व ऐसे भी हैं, जिन्हें विकास अच्छा नहीं लगता है। वे विकास में व्यवधान और उत्सव में उपद्रव करना चाहते हैं। जो लोग अराजकता को जन्मसिद्ध अधिकार समझते हैं, उन्हें चेतावनी देने बलरामपुर आया हूं।
यदि विकास की योजनाओं को उपद्रव व अराजकता से बाधित करोगे तो विकास तुम्हारे विनाश का कारण बन जाएगा। पर्व के उत्सव व उमंग में उपद्रव किया तो इसकी कीमत ऐसी चुकानी पड़ेगी कि आने वाली पीढ़ियां याद करेंगी। जो लोग आज भी गलत मंशा के साथ जी रहे हैं, वे गलतफहमी दूर कर लें। वह समय गया, जब समाजवादी पार्टी व कांग्रेस की सरकार होती थी और आगजनी, दंगा, बेटी की सुरक्षा में सेंध, व्यापारी के प्रतिष्ठानों पर आग लगाते थे और सरकार आवभगत करती थी। अब डबल इंजन सरकार है, बेटी-व्यापारी पर हाथ लगाया और उत्साह व उमंग के उत्सव में अराजकता-उपद्रव करने का प्रयास किया तो नर्क में जाने का रास्ता खुला होगा।