पटना
बिहार विधानसभा चुनाव जैसे-जैसे नजदीक आ रहे हैं, वैसे-वैसे एनडीए और इंडिया गठबंधन दोनों ही खेमों में सहयोगी दलों की बेचैनी बढ़ती जा रही है। सहयोगी लगातार सीट बंटवारे पर दबाव बना रहे हैं, लेकिन सूत्रों के मुताबिक औपचारिक बातचीत चुनाव आयोग द्वारा तारीखों की घोषणा के बाद ही शुरू होगी। आपको बता दें कि फिलहाल तारीखों का ऐलान नहीं हुआ। नवरात्रि की समाप्ति के बाद चुनाव आयोग की तरफ से कभी भी प्रेस कॉन्फ्रेंस कर इसका ऐलान किया जा सकता है।
एनडीए के छोटे सहयोगी दल पहले से ही सार्वजनिक रूप से अपनी मांगें उठा रहे हैं। एलजेपी (रामविलास) नेता अरुण भारती सोशल मीडिया पर सम्मानजनक हिस्सेदारी की माग कर रहे हैं और भाजपा व जदयू पर दबाव डाल रहे हैं। वहीं, हम (से.) प्रमुख जीतन राम मांझी ने भी अपनी अपेक्षाओं को खुले मंच से सामने रखा है। हाल ही में केंद्रीय मंत्री व एलजेपी (रामिवालास) नेता चिराग पासवान और आरएलपी प्रमुख उपेंद्र कुशवाहा की दिल्ली में मुलाकात हुई, जिसमें दोनों नेताओं ने मगध–शाहाबाद क्षेत्र में पर्याप्त सीटें मिलने की इच्छा जताई।
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बिहार के दौरे पर थे। उन्होंने बैक टू बैक कई बैठकें कीं और रैलियों को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने साफ शब्दों में कहा है कि दुर्गा पूजा के बाद एनडीए के सहयोगियों के बीच सीटों का बंटवारा कर लिया जाएगा।
इंडिया गठबंधन में भी खींचतान
इंडिया गठबंधन के भीतर कांग्रेस ने आरजेडी से जल्द सीटों पर समझौते को अंतिम रूप देने की मांग की है। सीपीआई (एमएल) ने 2020 में 19 सीटों पर चुनाव लड़ी और 12 सीटों पर जीत दर्ज की थी। 2024 लोकसभा चुनाव में सीट शेयरिंग में दो सीटें हासिल हुई। इस बार बड़ा हिस्सा चाहती है। वहीं, वीआईपी प्रमुख मुकेश सहनी ने तो यहां तक कह दिया है कि यदि गठबंधन सत्ता में आता है तो उन्हें उपमुख्यमंत्री बनाया जाना चाहिए।
आरजेडी का क्या है रुख
बिहार में महागठबंधन का अगुआ आरजेडी के सूत्रों के मुताबिक सहयोगी दलों के बीच औपचारिक बैठक और सीटों का बंटवारा चुनाव की तारीखों की घोषणा के बाद ही होगा।