तेजस्वी के करीबी संजय यादव ने तोड़ी चुप्पी, रोहिणी आचार्य के आरोपों पर दिया जवाब

पटना

पिछले कुछ दिनों से राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के प्रमुख लालू प्रसाद की बेटी रोहिणी आचार्य के सोशल मीडिया पोस्ट को लेकर सियासी गलियारे में कई बातें चल रही है। अब तक केवल इस मामले में पूर्व मंत्री तेज प्रताप यादव ने प्रतिक्रिया दी थी। अब राजद के सांसद, तेजस्वी यादव के करीबी संजय यादव रोहिणी आचार्य के आरोपों पर प्रतिक्रिया दी। उन्होंने साफ कहा कि रोहिणी दीदी ने जो कहा, उसका संदर्भ हम सब भली-भांति समझते हैं। पार्टी पूरी तरह से एकजुट है, और किसी प्रकार का कोई भ्रम या मतभेद नहीं है। राजद में किसी तरह की गलतफहमी नहीं है।

'भाजपा को हराना और इस सरकार को उखाड़ फेंकना ही लक्ष्य'
संजय यादव ने रोहिणी दीदी ने जो त्याग और बलिदान दिया है, उसे भाजपा और टोलर्स कभी नहीं समझ सकते हैं। उन्होंने जितना महान बलिदान दिया, उसे भी भाजपा के लोग नहीं समझ पाए हैं। जो लोग भ्रम फैलना चाहते हैं, उन्हें कोई फायदा नहीं होने वाला है। पार्टी और लालू परिवार पूरी तरह से एकजुट है। सबका एक ही लक्ष्य है कि भाजपा को हराना और इस सरकार को उखाड़ फेंकना। जल्दी ही जनता भाजपा और उनके सहयोगियों को जवाब दे दी।

'भ्रम फैला रही भाजपा, बिहार सब जानता है'
संजय यादव ने कहा कि संजय यादव एक समर्पित कार्यकर्ता हैं, जिन्हें पार्टी अध्यक्ष द्वारा एक जिम्मेदारी सौंपी गई है, जैसे कई और कार्यकर्ताओं को दी गई है। भाजपा चाहती है कि भ्रम फैले, लेकिन बिहार लोकतंत्र की जननी है। बिहार ने हमेशा लोकतंत्र को मजबूती दी है, और यह कभी नहीं सहेगा कि लोकतंत्र को चुनाव आयोग के जरिये कुचला जाए। संजय यादव ने भाजपा पर सीधा हमला करते हुए कहा कि भाजपा को सबसे ज्यादा डर बिहार से है, क्योंकि यह एकमात्र राज्य है जहां उन्हें आज तक मुख्यमंत्री नहीं मिला। इसीलिए वह तरह-तरह के हथकंडे अपना रहे हैं। कभी दस-दस हजार रुपये बांट रहे हैं, कभी तीन-तीन बार प्रभारी बदल रहे हैं। इससे साफ है कि उन्हें बिहार को लेकर कितनी चिंता है।

जानिए, रोहिणी ने क्या-क्या पोस्ट लिखा था
18 सितंबर को रोहिणी आचार्य ने कहा था कि वह लालू-तेजस्वी की जगह लेने की कोशिश करने वालों को देखना पसंद नहीं करती हैं। उन्होंने सोशल मीडिया पर आलोक कुमार के पोस्ट को शेयर किया था। इसके बाद संजय यादव के खिलाफ लोगों ने जमकर प्रतिक्रिया दी है। रोहिणी आचार्य ने जो शेयर किया है, उसमें लिखा है कि फ्रंट सीट सदैव शीर्ष के नेता-नेतृत्वकर्त्ता के लिए चिन्हित होती है और उनकी अनुपस्थिति में भी किसी को उस सीट पर नहीं बैठना चाहिए। वैसे अगर "कोई" अपने आप को शीर्ष नेतृत्व से भी ऊपर समझ रहा है, तो अलग बात है। 19 सितंबर को रोहिणी आचार्य ने अपने पिता लालू प्रसाद यादव को जीवनदान देने वाला फोटो-वीडियो शेयर करते हुए लिखा कि जो जान हथेली पर रखते हुए बड़ी से बड़ी कुर्बानी देने का जज्बा रखते हैं, बेखौफी-बेबाकी-खुद्दारी तो उनके लहू में बहती है.."। इधर, इस पोस्ट के कुछ ही घंटे बाद रोहिणी ने एक और पोस्ट किया। उसमें उन्होंने लिखा कि मैंने एक बेटी व बहन के तौर पर अपना कर्त्तव्य एवं धर्म निभाया है और आगे भी निभाती रहूंगी। मुझे किसी पद की लालसा नहीं है, न मेरी कोई राजनीतिक महत्वाकांक्षा है। मेरे लिए मेरा आत्म-सम्मान सर्वोपरि है। रोहिणी की यह पोस्ट सोशल मीडिया पर वायरल हुए।

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