पटना
बिहार का राजनीति में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) के पांच बड़े नेताओं सम्राट चौधरी, मंगल पांडेय, अशोक चौधरी, दिलीप जायसवाल और संजय जायसवाल पर अलग-अलग तरह के आरोप लगाकर हलचल मचा रहे जन सुराज पार्टी (जेएसपी) के नेता प्रशांत किशोर को पटना कोर्ट से बुलावा आ गया है। जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) के मंत्री अशोक चौधरी ने जून महीने में पीके पर मानहानि का जो केस किया था, उसमें मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी (सीजेएम) कोर्ट ने प्रशांत किशोर को 17 अक्टूबर को पेश होने का आदेश दिया है।
प्रशांत किशोर ने आरोप लगाया था कि अशोक चौधरी ने पैसा देकर बेटी शांभवी चौधरी के लिए चिराग पासवान के दल लोक जनशक्ति पार्टी- रामविलास (एलजेपी-आर) से लोकसभा चुनाव में टिकट खरीदा, जिसके बाद वो समस्तीपुर से सांसद बनीं। अशोक चौधरी ने इस बयान को लेकर प्रशांत को पहले मानहानि का नोटिस भेजा था और बाद में इसको लेकर पटना कोर्ट में मानहानि का केस दायर कर दिया था। प्रशांत किशोर पर ये पहला मानहानि का केस था। कल भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष और सांसद संजय जायसवाल ने भी एक डिफेमेशन केस कर दिया है।
प्रशांत किशोर ने पिछले शुक्रवार को एक संवाददाता सम्मेलन में सम्राट चौधरी, मंगल पांडेय, अशोक चौधरी, दिलीप जायसवाल और संजय जायसवाल को लेकर नए आरोप लगाए थे। पीके ने अशोक चौधरी पर शांभवी की सगाई से शादी के बीच में पटना में 38 करोड़ की पांच जमीन खरीदने और दो साल में 200 करोड़ की बेनामी संपत्ति जुटाने का आरोप लगाया था। जेडीयू के प्रवक्ता नीरज कुमार ने पार्टी की तरफ से चौधरी को इस आरोप पर सफाई देने कहा है।
प्रशांत किशोर ने बेनामी संपत्ति जुटाने के आरोप में अशोक की पत्नी नीता चौधरी, बेटी शांभवी चौधरी, दामाद सायन कुणाल और समधन अनिता कुणाल को भी लपेट लिया है। अशोक चौधरी ने ताजा आरोप को लेकर प्रशांत किशोर को 100 करोड़ का मानहानि नोटिस भेजा है। चौधरी ने कहा है कि प्रशांत किशोर की बातें सरासर झूठ है। उन्होंने कहा कि शांभवी ने अपनी वैधानिक आय एवं संसाधनों से जमीन खरीदी थी, जो चुनावी शपथ पत्र में है। चौधरी ने कहा कि उनकी पत्नी नीता और समधन अनिता के बीच बैंकिंग लेन-देन की बात भी गलत है।