रायुपर
बंगाल की खाड़ी में बने सिस्टम के प्रभाव से छत्तीसगढ़ का मौसम का मिजाज बदल गया है. प्रदेश के अनेकों स्थानों पर बारिश हो रही है. अगले 48 घंटे के लिए मध्य छत्तीसगढ़ में भारी से अति भारी बारिश की संभावना जताई गई है. मौसम विभाग ने रायपुर, बिलासपुर और दुर्ग समेत कई जिलों के लिए ऑरेंज अलर्ट किया है.
मौसम विभाग ने अगले दो दिनों तक तेज बारिश के हालात बने रहने की संभावना जताई है. दक्षिणी हिस्सों में भी मध्यम से भारी बारिश को लेकर अलर्ट जारी किया गया है. वहीं लोगों को नदी, नाले, पहाड़ और पिकनिक स्पॉट से सावधानी बरतने की सलाह दी गई है.
मौसम विभाग ने जारी किया यलो और ऑरेंज अलर्ट
मौसम विभाग ने कई जिलों में बारिश के लिए ऑरेंज और यलो अलर्ट जारी किया है. उत्तर बस्तर कांकेर, धमतरी, बालोद, राजनांदगांव, गरियाबंद, महासमुंद, रायपुर, बलौदा बाज़ार, रायगढ़, बिलासपुर, दुर्ग, बेमेतरा, सूरजपुर, कोरिया, बलरामपुर में मेघगर्जन, आकाशीय बिजली और अचानक तेज हवा (30-40 KMPH) के साथ मध्यम वर्षा की संभावना है. इन जगहों पर ऑरेंज अलर्ट जारी किया है. इसके अलवा कोंडागांव, उत्तर बस्तर कांकेर, धमतरी, बालोद, राजनांदगांव, गरियाबंद, महासमुंद, बलौदा बाज़ार, जांजगीर-चांपा, रायगढ़, बिलासपुर, कोरबा, जशपुर, गौरेला-पेंड्रा-मरवाही, बेमेतरा, कबीरधाम, मुंगेली, सुरगुजा, सूरजपुर, कोरिया, बलरामपुर में मध्यम वर्षा हो सकती है. इन क्षेत्रों में यलो अलर्ट जारी किया गया है.
मौसम विभाग ने जानकारी दी कि गंगेटिक पश्चिम बंगाल के तटीय इलाके, उत्तर उड़ीसा और उत्तर पश्चिम बंगाल की खाड़ी के ऊपर एक निम्न दाब का क्षेत्र सक्रिय है. जिसके साथ ऊपरी हवा में लगभग 7.6 किलोमीटर ऊंचाई तक चक्रीय परिसंचरण बना हुआ है और इसके अगले 24 घंटों में कमजोर होने की संभावना है. इस प्रणाली से दो द्रोणिकाएं भी जुड़ी हैं, पहली द्रोणिका गंगेटिक पश्चिम बंगाल से तेलंगाना तक 1.5 से 3.1 किलोमीटर की ऊंचाई तक फैली है, जबकि दूसरी द्रोणिका गंगेटिक पश्चिम बंगाल से दक्षिण महाराष्ट्र तट तक उड़ीसा, दक्षिण छत्तीसगढ़, तेलंगाना और उत्तर आंतरिक कर्नाटक से होते हुए 4.5 से 5.8 किलोमीटर की ऊंचाई तक विस्तारित है.
नए सिस्टम बनने की संभावना
मौसम विशेषज्ञ के मुताबिक एक निम्न दाब का क्षेत्र उत्तर पश्चिम बंगाल की खाड़ी और उससे लगे मध्य बंगाल के खाड़ी के ऊपर 25 सितंबर को बनने की संभावना है. इसके पश्चिम दिशा में आगे बढ़ने की संभावना है. इसके और अधिक प्रबल होकर अवदाब के रूप में उत्तर पश्चिम बंगाल की खाड़ी और उससे लगे पश्चिम मध्य बंगाल की खाड़ी दक्षिण उड़ीसा तक और उत्तर आंध्र तरफ से दूर परिवर्तित होने की संभावना है. इसके दक्षिण उड़ीसा-उत्तर आंध्र प्रदेश तट के पास 27 सितंबर को पहुंचने की संभावना है. इसके कारण प्रदेश के बस्तर संभाग और उससे लगे जिलों में 26 सितंबर से भारी से अति भारी वर्षा होने की संभावना है.