इंदौर
स्वच्छता में देश भर में अपनी पहचान बना चुका इंदौर अब पर्यावरण संरक्षण की दिशा में एक और बड़ी मिसाल कायम करने जा रहा है। शहर में 22 सितंबर को तीसरी बार 'नो कार डे' का आयोजन किया जाएगा। इस दिन, शहरवासियों से स्वेच्छा से अपनी कारों का उपयोग न कर सार्वजनिक परिवहन, साइकिल, दोपहिया वाहन या ई-रिक्शा का इस्तेमाल करने की अपील की गई है।
महापौर ने की जनता से अपील
महापौर पुष्यमित्र भार्गव ने एक सोशल मीडिया वीडियो जारी कर इंदौर की जागरूक जनता से इस अभियान में बढ़-चढ़कर हिस्सा लेने का आह्वान किया है। उन्होंने कहा, "इंदौर की जनता ने हमेशा हर पहल को सफल बनाया है। पिछले दो वर्षों के 'नो कार डे' के अनुभव ने यह साबित कर दिया है कि एक दिन के सामूहिक प्रयास से हम ईंधन की खपत और प्रदूषण के स्तर में महत्वपूर्ण कमी ला सकते हैं।"
पिछले दो आयोजनों की सफलता बनी प्रेरणा
महापौर भार्गव ने बताया कि पिछले दो 'नो कार डे' के आयोजन बेहद सफल रहे और इनकी चर्चा पूरे देश में हुई। इन दिनों में शहर की सड़कों पर ट्रैफिक का दबाव कम हुआ, पेट्रोल-डीजल की खपत में लगभग 15% की गिरावट आई और प्रदूषण के स्तर में भी उल्लेखनीय सुधार देखा गया। इसी सफलता से प्रेरणा लेकर इस परंपरा को आगे बढ़ाया जा रहा है।
केवल एक प्रतीकात्मक कार्यक्रम नहीं
महापौर ने इस बात पर जोर दिया कि 'नो कार डे' सिर्फ एक प्रतीकात्मक कार्यक्रम नहीं है, बल्कि यह भविष्य के इंदौर को पर्यावरण के प्रति और अधिक जिम्मेदार बनाने की एक ठोस पहल है। इसका उद्देश्य लोगों की सोच में बदलाव लाना है, ताकि वे नियमित जीवन में भी निजी वाहनों की जगह साइकिल, ई-रिक्शा और सार्वजनिक परिवहन को प्राथमिकता दें। इंदौर इस तरह की पहल को एक परंपरा बनाने वाला देश का पहला शहर है।
साइकिल, टू-व्हीलर और ई-रिक्शा का करें उपयोग
महापौर ने सभी नागरिकों से आग्रह किया है कि 22 सितंबर को अपनी कारों को घर पर छोड़कर शहर के प्रति अपनी जिम्मेदारी निभाएं। उन्होंने कहा, "आइए, हम सब मिलकर साइकिल, दोपहिया वाहन या ई-रिक्शा से यात्रा करें। यह प्रयास न केवल ट्रैफिक को सुगम बनाएगा, बल्कि पर्यावरण संरक्षण की दिशा में भी एक बड़ा और सकारात्मक बदलाव लाएगा।" उन्होंने विश्वास जताया कि इंदौर की जनता पिछले दो बार की तरह इस बार भी 'नो कार डे' को सफल बनाकर एक नई मिसाल कायम करेगी।