विकसित यूपी@2047
– 65 जनपदों में नोडल अधिकारियों व प्रबुद्धजनों ने जनता से किया संवाद
– ग्रामीण क्षेत्रों से सबसे अधिक 78,513 फीडबैक दर्ज
– शिक्षा क्षेत्र से जुड़े सबसे ज्यादा 35,047 सुझाव मिले
– बलिया, जौनपुर, कानपुर नगर समेत कई जिलों से 3,500 से अधिक फीडबैक
– किसानों ने तकनीकी खेती, कोल्ड स्टोरेज व समर्थन मूल्य की गारंटी की मांग उठाई
लखनऊ
योगी सरकार द्वारा संचालित "समर्थ उत्तर प्रदेश-विकसित उत्तर प्रदेश @ 2047" अभियान के तहत प्रदेशभर में व्यापक संवाद एवं फीडबैक कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। अभियान के दौरान शुक्रवार (12 सितम्बर) तक कुल 65 जनपदों में नोडल अधिकारियों और प्रबुद्धजनों ने भ्रमण कर छात्रों, शिक्षकों, व्यवसायियों, उद्यमियों, कृषकों, स्वयंसेवी संगठनों, श्रमिक संगठनों, मीडिया प्रतिनिधियों और आम जनमानस के साथ संवाद किया। इस संवाद में विगत आठ वर्षों की विकास यात्रा पर जानकारी साझा की गई तथा प्रदेश के भविष्य के विकास के लिए रोडमैप पर चर्चा करते हुए जनता से सुझाव भी आमंत्रित किए गए।
1 लाख से अधिक सुझाव दर्ज
अभियान को लेकर जनता में गहरी रुचि दिखाई दी। इसके लिए विशेष रूप से विकसित पोर्टल samarthuttarpradeh.up.gov.in पर अब तक 1 लाख से अधिक फीडबैक प्राप्त हुए हैं। इनमें से 79 हजार से अधिक फीडबैक ग्रामीण क्षेत्रों से जबकि 2़1 हजार से अधिक फीडबैक नगरीय क्षेत्रों से प्राप्त हुए। आयु वर्ग के आधार पर देखा जाए तो 35 हजार से अधिक सुझाव 31 वर्ष से कम आयु वर्ग से, 57 हजार से अधिक सुझाव 31-60 आयु वर्ग से और 6 हजार से अधिक सुझाव 60 वर्ष से अधिक आयु वर्ग से मिले हैं।
शिक्षा, स्वास्थ्य और कृषि सबसे अहम मुद्दे
प्रदेशवासियों ने विकास से जुड़े जिन प्रमुख क्षेत्रों पर राय दी, उनमें शिक्षा क्षेत्र सबसे ऊपर रहा। कुल 35,047 सुझाव शिक्षा से जुड़े मिले, जबकि नगरीय एवं ग्रामीण विकास से संबंधित 17,257 सुझाव आए। स्वास्थ्य क्षेत्र पर 10,894, समाज कल्याण पर 9,436 और कृषि क्षेत्र से जुड़े 12,718 सुझाव दर्ज किए गए।
सबसे सक्रिय रहे पूर्वांचल और बुंदेलखंड के जिले
बलिया, बलरामपुर, जौनपुर, कानपुर देहात, फिरोजाबाद, कानपुर नगर, मैनपुरी और प्रतापगढ़ जैसे जनपदों से सबसे अधिक 3,500 से अधिक सुझाव प्राप्त हुए। यह आंकड़ा दर्शाता है कि प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों में जनता सक्रिय रूप से अभियान में जुड़ रही है।
किसानों ने दिए कृषि क्षेत्र से जुड़े अहम सुझाव
कृषि एवं संबद्ध सेक्टर से जुड़े सुझावों की संख्या उल्लेखनीय रही। किसानों ने आधुनिक तकनीकों को अपनाने, जल उपयोग की नई विधियों के प्रति जागरूकता, पीएमडीएमसी जैसी आधुनिक सिंचाई प्रणाली लागू करने और हर किसान के घर पर बायो गैस संयंत्र स्थापित करने पर बल दिया।
इसके अलावा ड्रिप सिंचाई, सौर ऊर्जा आधारित पंप, बेहतर बीजों का प्रयोग, ई-मार्केटिंग प्लेटफॉर्म और डिजिटल किसान मंडियों के माध्यम से कृषि उत्पादों को बाजार से जोड़ने, भंडारण और कोल्ड स्टोरेज की सुविधाएं गांव-गांव तक पहुंचाने तथा कृषि शिक्षा को बढ़ावा देने के सुझाव सामने आए।
किसानों ने रियायती दरों पर उन्नत किस्म के बीज, उर्वरक, कीटनाशक और उपकरण उपलब्ध कराने, सहकारिता विभाग से सस्ती साख सुविधा, फसलों के लिए उचित समर्थन मूल्य की गारंटी तथा व्यवसायिक फसलों को बढ़ावा देने जैसी मांगें भी रखीं।
इस अभियान से स्पष्ट है कि प्रदेश की जनता न केवल विकास यात्रा की गवाह है बल्कि भविष्य की दिशा तय करने में सक्रिय भागीदारी भी निभा रही है। सरकार ने प्राप्त सुझावों का गहन विश्लेषण कर उन्हें नीति निर्माण में शामिल करने की बात कही है।