नेपाल में आधी रात का उलटफेर! सुशीला पीएम पद की रेस में सबसे आगे, Gen-Z गुटों में तकरार

काठमांडू 

नेपाल में सियासी संकट बरकरार है. Gen-Z प्रदर्शन के बाद नेपाल की कमान किसके हाथों में होगी, अब तक सस्पेंस से पर्दा नहीं हट पाया है. Gen-Z के विरोध प्रदर्शन के बाद ओली की सरकार गिर गई. केपी शर्मा ओली के इस्तीफे के बाद अंतरिम पीएम की तलाश जारी है. अंतरिम नेता चुनने को लेकर संवैधानिक संकट का समाधान ढूंढा जा रहा है. इस बीच नेपाल में एक और यूटर्न देखने को मिला है. नेपाल की पूर्व चीफ जस्टिस सुशीला कार्की एक बार फिर नेपाली अंतरिम पीएम की रेस में आगे हो गई हैं. नेपाल में आधी रात को हुई एक बैठक में बाजी पलट गई.

जी हां, नेपाल में अंतरिम सरकार के गठन को लेकर कवायद जारी है. सूत्रों का कहना है कि इसे लेकर गुरुवार देर रात एक सीक्रेट बैठक हुई. यह बैठक राष्ट्रपति भवन में हुई, जिसे शीतल निवास के नाम से जाना जाता है. इस अहम बैठक में नेपाली आर्मी चीफ अशोक राज सिग्देल और सुशीला कार्की मौजूद थीं. उनके अलावा, स्पीकर, राष्ट्रीय सभा के अध्यक्ष नारायण दहल और सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस प्रकाश सिंह राउत भी थे. इस मीटिंग में कई मसलों पर अलग-अलग संविधान विशेषज्ञों से बात हुई. बताया गया कि इस बैठक में भी यह सहमति बनी है कि सुशीला कार्की को ही नेपाल की कमान दी जाए.

आधी रात वाली मीटिंग में बदली बाजी!

सूत्रों का कहना है कि सुशीला कार्की पर ही अब तक सहमति बनती दिख रही है. नेपाल में ओली की सरकार को उखाड़ने वाले Gen-Z की भी पहली पसंद सुशीला कार्की ही हैं. शीर्ष सूत्रों के अनुसार, सुशीला कार्की के प्रधानमंत्री बनने की प्रबल संभावना है और गुरुवार रात ही इस पर सहमति बनी है. आज यानी शुक्रवार को इसका ऐलान हो सकता है. काठमांडू के मेयर बालेन उर्फ बालेंद्र शाह का भी सुशीला कार्की को समर्थन है. सूत्रों का दावा है कि बालेन शाह चुनाव जीत कर पीएम बनना चाहते हैं. यही कारण है कि उन्होंने खुद अंतरिम पीएम बनने के प्रस्ताव को ठुकराया है और सुशीला कार्की का समर्थन किया है.
कैसे पीएम बनेंगी सुशीला कार्की?

सूत्रों के मुताबिक, नेपाल सरकार चलाने के लिए अंतरिम प्रमुख के चयन को लेकर गतिरोध को दूर करने के लिए आधी रात को संकट प्रबंधन दल की बैठक हुई. इस अशांति के बीच राष्ट्रपति रामचंद्र पौडेल ने गुरुवार को शांति की अपील की और कहा कि उनका लक्ष्य संवैधानिक ढांचे के भीतर राजनीतिक संकट का समाधान खोजना है. सूत्रों ने न्यूज18 को बताया कि सुशीला कार्की को प्रधानमंत्री बनाया जाएगा और पहले उन्हें संसद के उच्च सदन में पेश किया जाएगा.
आज होगा आधिकारिक ऐलान!

सूत्रों ने बताया कि पौडेल 2015 के संविधान के आधार पर समाधान पर जोर दे रही हैं. उन्होंने बताया कि हालांकि राजनीतिक अंतरिम प्रधानमंत्री का कोई प्रावधान नहीं है, लेकिन कार्की को उच्च सदन में नामित करके एक जगह बनाई जाएगी और फिर उन्हें प्रधानमंत्री बनाया जाएगा. सूत्रों ने बताया कि इस प्रक्रिया के दौरान राष्ट्रपति आवश्यक प्रावधान करने के लिए एक अध्यादेश जारी कर सकते हैं. उन्होंने बताया कि यह घोषणा आज होने की संभावना है.
सुशीला का हां ना और फिर  हां

दरअसल, गुरुवार को दिन में खबर आई थी कि सुशीला कार्की ने पीएम की रेस से अपना नाम वापस ले लिया है. इसके बाद जेन जी ने कुलमन घिसिंग का नाम आगे बढ़ाया था. मगर कुलमन घिसिंग के नाम पर भी सहमति नहीं बनी. बताया जा रहा है कि आर्मी चीफ ने सुशीला कार्की को करीब 15 घंटे तक मनाया. फिलहाल, नेपाल में अब भी उथल-पुथल जारी है. आज का दिन नेपाल की सियासत में अहम है. आज आधिकारिक तौर पर ऐलान हो सकता है कि नेपाल का अंतरिम प्रधानमंत्री कौन होगा? यहां एक बात और सामने आई है कि नेपाल में अगले 6 महीने में चुनाव कराने की जिम्मेवारी अंतरिम सरकार पर ही होगी.

नेपाल में आपस में ही भिड़े Gen-Z के गुट, सेना ने कर दिया 'खेला'

नेपाल में भ्रष्टाचार और सोशल मीडिया पर बैन के बाद भड़की Gen-Z ने सड़कों पर उतरकर प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली को सत्ता की कुर्सी से उतरने पर मजबूर कर दिया. देश में जारी हिंसा और राजनीतिक उथल-पुथल के बीच अंतरिम सरकार के गठन को लेकर चर्चाएं तेज हो गई है. केपी ओली ने मंगलवार (9 सितंबर 2025) को अपने पद से इस्तीफा दिया और तब से अंतरिम पीएम को लेकर कई नामों पर सियासी पारा चढ़ा हुआ है.

आर्मी हेडक्वार्टर के बाहर भिड़े युवा

काठमांडू में हुए हिंसक विरोध-प्रदर्शन के बाद अब नेपाल के युवा अंतरिम प्रधानमंत्री के नाम पर बंटे हुए नजर आ रहे हैं. आर्मी हेडक्वार्टर के बाहर उम्मीदवारों के नाम पर युवाओं के बीच हाथापाई हुई. 9 सितंबर को काठमांडू के मेयर और रैपर बैलेन शाह, 10 सितंबर को पूर्व चीफ जस्टिस सुशील कार्की और 11 सितंबर को कुलमान घीसिंग का नाम अंतरिम पीएम रेस में सबसे आगे रहा.

अब इस लिस्ट में धरान के वर्तमान मेयर हरका राज संपांग राय उर्फ हरका संपांग का नाम भी शामिल हो गया है. पत्रकार से राजनेता बने रबी लामिछाने भी युवाओं के बीच काफी लोकप्रिय हैं, जिन्हें विरोध प्रदर्शन के दौरान जेल से छुड़ाया गया था.

अंतरिम पीएम के नामों को लेकर मचा घमासान

नेपाली मीडिया के मुताबिक कई युवा चाहते हैं कि बालेन, सुशीला कार्की या संपांग को अंतरिम पीएम बनाया जाए, जिसे लेकर गुरुवार (11 सितंबर 2025) को युवाओं में झड़प भी हुई. हालांकि अभी तक कोई अंतिम निर्णय नहीं लिया गया है. फिलहाल Gen-Z, प्रतिनिधियों, राष्ट्रपति रामचंद्र पौडेल और सेना प्रमुख के बीच बातचीत चल रही है.

पौडेल ने कहा, "मैं सभी पक्षों से अपील करता हूं कि वे इस बात पर विश्वास रखें कि आंदोलनकारी नागरिकों की मांगों को पूरा करने के लिए समस्या का जल्द से जल्द समाधान निकाला जा रहा है. संयम के साथ देश में शांति और व्यवस्था बनाए रखने में सहयोग करें।" कई लोगों को उम्मीद थी कि राष्ट्रपति इस घटना के बाद सार्वजनिक रूप से सामने आएंगे और राष्ट्र को संबोधित करेंगे.

आर्मी हेडक्वार्टर के बाहर इंतजार कर रहे युवा

न्यूज एजेंसी पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबकि सेना के एक प्रवक्ता ने कहा, ‘‘हम अलग-अलग लोगों के साथ कई दौर की बातचीत कर रहे हैं. बातचीत मुख्य रूप से मौजूदा गतिरोध से बाहर निकलने और साथ ही देश में कानून-व्यवस्था बनाए रखने पर केंद्रित है. नया शासन प्रमुख वह होगा जो एक निश्चित समय सीमा के भीतर नए चुनाव कराएगा." बैठक के दौरान सेना मुख्यालय के बाहर बड़ी संख्या में युवा बेसब्री से फैसला सुनने का इंतजार करते दिखे. इसी तरह की एक बैठक बुधवार (10 सितंबर 2025) को भी हुई थी, लेकिन उसका कोई नतीजा नहीं निकला.

सेना ने कर दिया 'खेला'

आर्मी हेडक्वार्टर के बाहर Gen-Z समर्थकों के बीच आपस में ही मारपीट ने नए सवाल को जन्म दे दिया है. दक्षिणपंथी नेता और मेडिकल कारोबारी दुर्गा प्रसाई को बातचीत के लिए आर्मी हेडक्वार्टर लाया गया. बताया जा रहा है कि उन्हें सेना ने बातचीत के लिए बुलाया है. इस खबर को सुनते ही युवाओं का गुस्सा और भड़क गया. इस बात के भी कयास लगाए जा रहे हैं कि कहीं सेना अपने उम्मीदवार को रेस में तो नहीं ला रही.

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