जयपुर
राजस्थान सरकार द्वारा बजट 2025 में की गई घोषणाओं को लागू करने में हो रही देरी से राज्य कर्मचारियों में असंतोष गहराता जा रहा है। सरकार दो बार डेडलाइन देने के बाद भी वादों पर अमल नहीं कर पाई, जिस कारण कर्मचारी संगठन अब विरोध की राह पर उतर आए हैं। इसको लेकर कर्मचारियों के दल ने जयपुर में एक बैठक आयोजित की है।
राज्य केंद्रीय मुद्रणालय में हुई बैठक
अखिल राजस्थान राज्य कर्मचारी संयुक्त महासंघ (एकीकृत) की आपात बैठक मंगलवार को राज्य केंद्रीय मुद्रणालय, जयपुर में हुई। बैठक में पदाधिकारियों ने सरकार की वादाखिलाफी पर कड़ा रोष जताया। महासंघ के प्रदेशाध्यक्ष गजेन्द्र सिंह राठौड़ ने कहा कि बजट घोषणाओं को लागू नहीं करने से नियमित कर्मचारियों के साथ-साथ संविदा, प्लेसमेंट एजेंसी से कार्यरत कर्मचारी, मंत्रालयिक कर्मचारी और जेल प्रहरियों में गहरा असंतोष है। उन्होंने कहा कि कर्मचारियों का धैर्य अब जवाब दे चुका है और यह नाराज़गी आंदोलन का रूप ले रही है।
शहीद स्मारक पर एक दिवसीय धरना
महासंघ ने घोषणा की कि 24 सितम्बर को प्रदेशभर के कर्मचारी जयपुर स्थित शहीद स्मारक पर एक दिवसीय धरना देंगे। महासंघ के प्रदेश महामंत्री मोहनलाल शर्मा ने बताया कि बजट में सरकार ने संविदा कर्मचारियों को ठेकेदारों से मुक्त कर नई संस्था गठित करने का वादा किया था, लेकिन अब तक कोई कदम नहीं उठाया गया।
महासंघ के आंदोलन को समर्थन देने का एलान किया
वहीं, राजस्थान राज्य कर्मचारी संघ के प्रदेश महामंत्री देवेंद्र सिंह नरूका ने मंत्रालयिक कर्मचारियों के कैडर रिव्यू और निदेशालय गठन की मांग पूरी न होने पर गहरी नाराज़गी जताई और महासंघ के आंदोलन को समर्थन देने का ऐलान किया। बैठक की अध्यक्षता महासंघ के संरक्षक कुलदीप यादव ने की। इस दौरान कई कर्मचारी नेताओं ने कर्मचारियों के अधिकारों के लिए संघर्ष तेज करने पर जोर दिया। महासंघ ने चेतावनी दी कि यदि बजट घोषणाओं को तुरंत लागू नहीं किया गया, तो आंदोलन को प्रदेशव्यापी व्यापक स्वरूप दिया जाएगा।