कतर पर हमले के बाद बिगड़े हालात, ट्रंप ने नेतन्याहू को फोन कर जताई नाराजगी

तेल अवीव 
बीते दो सालों से गाजा में हमास और इजरायल के बीच जारी जंग पहले ही कई देशों तक पहुंच चुकी है। लेबनान, ईरान जैसे देशों से इजरायल सीधे जंग में उतर चुका है, लेकिन मंगलवार को उसने हैरान कर दिया। इजरायली सेना ने कतर की राजधानी दोहा पर ही हमले कर दिए और हमास के आतंकियों को टारगेट करने का दावा किया। यह वही कतर है, जहां पर हमास के साथ मध्यस्थता की मीटिंगें होती रही हैं। ऐसे में शांति वार्ता का मंच बने देश के अंदर ही घुसकर हमले करने से पूरे मिडल ईस्ट के ही हालात बिगड़ने की आशंका है। रविवार और सोमवार को कतर ने इस्लामिक और अरब देशों की समिट बुला ली है। इस समिट में इजरायल के हमले से पैदा हालातों पर चर्चा होगी।

इस बीच खबर है कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप भी इजरायल की इस हरकत पर खफा हैं। Axios ने सूत्रों के हवाले से प्रकाशित रिपोर्ट में कहा है कि डोनाल्ड ट्रंप ने फोन करके बेंजामिन नेतन्याहू से कहा है कि ऐसी हरकत दोबारा नहीं होनी चाहिए। ट्रंप ने कहा कि यह एकदम स्वीकार नहीं किया जा सकता। मैं कह रहा हूं कि आप ऐसी हरकत फिर नहीं करेंगे। रिपोर्ट में कहा गया है कि कतर की राजधानी में हमले से डोनाल्ड ट्रंप के सलाहकार भी भौंचक्के रह गए। इसी को लेकर जब बात हुई तो ट्रंप ने नेतन्याहू और उनके सलाहकारों के काम पर हैरानी जताई और कहा कि आखिर आप ऐसा कैसे कर सकते हैं।

लेकिन बात यहीं खत्म नहीं हुई है। डोनाल्ड ट्रंप के ऐतराज और मुस्लिम देशों के भड़कने के बाद भी बेंजामिन नेतन्याहू अपने रुख पर अडिग हैं। उन्होंने एक बार फिर दोहराया है कि कतर समेत आतंकियों को पालने वाले देशों पर हम हमले करते रहेंगे। उन्होंने कतर की सीधा और खुला चैलेंज देते हुए कहा है कि या तो वह आतंकियों को निकाल बाहर करे या फिर हमलों के लिए तैयार रहे। इस बीच लेबनान में एक बार फिर से इजरायल की सेना ने हमले किए हैं। सेना का कहना है कि हमने हिजबुल्ला के ठिकानों को तबाह किया है। ये हमले लेबनान की बेका घाटी में हुए हैं, जिसके वीडियो भी सोशल मीडिया पर चल रहे हैं।

सीरिया ने खुद किए हिजबुल्ला के ठिकानों पर अटैक, इजरायल को सफलता
इजरायली सेना ने कहा कि हमने बेका घाटी में हिजबुल्ला के ऐसे ठिकानों पर हमले किए हैं, जहां उसने हथियारों का जखीरा रखा है। यहां पहले भी इजरायल हमले करता रहा है। इस बीच इजरायल को एक सफलता यह मिली है कि सीरिया ने खुद ही अपने देश में स्थित हिजबुल्ला के ठिकानों को टारगेट किया है। दरअसल सीरिया के मौजूदा राष्ट्रपति अहमद अल शारा को हिजबुल्ला के खिलाफ माना जाता है। वहीं पहले के राष्ट्रपति बशर अल असद को हिजबुल्ला समर्थक माना जाता था।

 

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