आयुष्मान भारत योजना के अंतर्गत निजी अस्पतालों में उपचार : मरीजों को लगातार मिल रही है निःशुल्क एवं गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाएँ

 

रायपुर

आयुष्मान भारत योजना के अंतर्गत पंजीकृत निजी अस्पतालों द्वारा आयुष्मान कार्डधारक मरीजों का उपचार लगातार किया जा रहा है। वर्तमान में प्रतिदिन लगभग 1,600–1,700 दावे प्रस्तुत किए जा रहे हैं, जिनकी राशि प्रतिदिन 4 करोड़ रुपये से अधिक है।

वित्तीय वर्ष 2025–26 में राज्य सरकार द्वारा अब तक रु. 375 करोड़ जारी किए जा चुके हैं। इस राशि से जुलाई 2025 तक के लगभग रु. 280 करोड़ के दावे भुगतान कर दिए गए हैं। इसके अतिरिक्त, केंद्र सरकार से रु. 130 करोड़ इस सप्ताह प्राप्त होने की संभावना है, जिससे निरंतर अस्पतालों के दावे भी भुगतान किये जाएंगे।

स्वास्थ्य विभाग लगातार इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) के साथ परामर्श कर रहा है और सभी पंजीकृत अस्पताल लाभार्थियों को सेवाएं प्रदान कर रहे हैं। कोई भी गरीब अथवा कमजोर वर्ग का परिवार आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के अंतर्गत नि:शुल्क उपचार से वंचित न हो, यह सुनिश्चित किया गया है। सभी पैनल में शामिल अस्पतालों को निर्देशित किया गया है कि मान्य आयुष्मान कार्डधारकों को कैशलेस उपचार उपलब्ध कराएं और किसी भी प्रकार का शुल्क न लें।

स्वास्थ्य विभाग से प्राप्त जानकारी के अनुसार अब तक योजना के नियमों का उल्लंघन करने वाले 118 अस्पतालों के विरुद्ध कार्रवाई की जा चुकी है, जिसमें 24 अस्पतालों का डी-एम्पैनलमेंट तथा 11 अस्पतालों का निलंबन शामिल है। भविष्य में भी नियमों का उल्लंघन करने वाले अस्पतालों पर सख्त कार्रवाई जारी रहेगी।

राज्य सरकार पूर्णतः प्रतिबद्ध है कि इस महत्वाकांक्षी योजना का लाभ प्रत्येक नागरिक तक पहुंचे और उन्हें गुणवत्तापूर्ण उपचार बिना किसी आर्थिक बोझ के प्राप्त हो।

योजना के बेहतर क्रियान्वयन हेतु राज्य सरकार शीघ्र ही एक स्टेकहोल्डर्स कार्यशाला आयोजित करने जा रही है, जिसमें सभी संबंधित पक्षों के साथ योजनागत मुद्दों और उनके समाधान पर चर्चा की जाएगी।

डा. सुरेंद्र शुक्ला, चेयरमैन, हॉस्पिटल बोर्ड ऑफ इंडिया छत्तीसगढ़ ने बताया कि विभागीय मंत्री की पहल पर 375 करोड़ रुपये जारी कर दिए गए हैं। स्वास्थ्य विभाग के उच्च अधिकारियों ने आज यह भी जानकारी दी कि इसके अतिरिक्त 130 करोड़ रुपये केंद्र से आबंटित किए जा चुके हैं, जो इस सप्ताह प्राप्त हो जाएंगे। इस प्रकार लगभग 505 करोड़ रुपये निजी अस्पतालों के लंबित बकाया भुगतान हेतु उपलब्ध हो जाएंगे।

राज्य एवं जिला शाखाओं के प्रतिनिधियों ने मरीजों के हित में लिए गए इस निर्णय का स्वागत किया है। उन्होंने स्पष्ट किया कि जब शासन द्वारा बकाया राशि का भुगतान सुनिश्चित किया जा चुका है, तो ऐसी स्थिति में मरीजों का निःशुल्क इलाज किसी भी परिस्थिति में बंद नहीं किया जाएगा।

आयुष्मान भारत योजना का लाभ हर पात्र परिवार तक पहुँचे और कोई भी नागरिक आर्थिक तंगी के कारण इलाज से वंचित न रहे, इसके लिए राज्य सरकार दृढ़ संकल्पित है। पारदर्शी भुगतान व्यवस्था, सख्त निगरानी और निरंतर सुधार के माध्यम से सरकार यह सुनिश्चित कर रही है कि प्रदेश में निःशुल्क एवं गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवा सभी नागरिकों को उपलब्ध हो।

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