मंडला
मध्य प्रदेश में लोकायुक्त की टीम ताबड़तोड़ कार्रवाई कर रही है। हर दिन दो से तीन भ्रष्ट कर्मचारी और अधिकारी पकड़े जा रहे हैं। जबलपुर लोकायुक्त की टीम ने मंडला जिले में कार्रवाई की है। रिटायरमेंट की उम्र में एक इंजीनियर साहब 20000 रुपए की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों पकड़े गए हैं। पकड़े जाने के बाद आगे की कार्रवाई की जा रही है।
ये है मामला
दरअसल, रौशन कुमार तिवारी नाम के शिकायतकर्ता ने जबलपुर लोकायुक्त से शिकायत की थी। शिकायत में उसने कहा था कि हमारी फर्म बोरिंग बिल्डर्स ने वर्ष 2024 में आदिवासी जनजातीय विभाग मंडला में रिपेयर और मेंटेनेंस का काम किया था। विभाग में बिल का बकाया था। बिल भुगतान के लिए सहायक इंजीनियर नरेंद्र कुमार गुप्ता 56000 रुपए की रिश्वत मांग रहे थे। रिश्वत नहीं देने पर बिल पास नहीं हो रहा था।
लोकायुक्त में की शिकायत
सहायक इंजीनियर नरेंद्र कुमार गुप्ता की शिकायत फरियादी ने लोकायुक्त से की। लोकायुक्त ने शिकायत की जांच की। जांच के दौरान मामला सही पाया गया। इसके बाद कार्रवाई के लिए ट्रैप दल का गठन किया गया है। 11 सितंबर को रिश्वत की पहली किस्त 20000 रुपए लेते हुए उन्हें रंगे हाथ पकड़ा गया है।
आरोपी के विरुद्ध भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 (संशोधन)2018 की धारा-7,13(1)B, 13(2) के अंतर्गत कार्यवाही की जा रही है। इस कार्रवाई से जनजातीय कार्यालय में हड़कंप मच गया है।
रिटायरमेंट की उम्र में पकड़े गए
वहीं, मध्य प्रदेश में सरकारी कर्मियों की रिटायरमेंट की उम्र 62 साल है। सहायक इंजीनियर गुप्ता 61 साल के हैं। कुछ दिनों में वह रिटायर हो जाते। इससे पहले ही रिश्वत के मामले में पकड़े गए हैं। पकड़े जाने के बाद उनके चेहरे पर शिकन दिख रहा था।
पूजा कर आए थे ऑफिस
गौरतलब है कि पकड़े जाने के बाद सहायक इंजीनियर गुप्ता की तस्वीर सामने आई है। उस तस्वीर में दिख रहा है कि माथे पर चंदन है। साथ ही उंगलियों में अंगूठियां हैं। इससे साफ पता चलता है कि वह दफ्तर पूजा पाठ के बाद आए थे। लेकिन रिश्वत की बोहनी के समय ही लोकायुक्त के ट्रैप में फंस गए। इसके बाद टेबल पर अपनी हथेली सीधी कर दिखा रहे थे।