उप मुख्यमंत्री शुक्ल ने विंध्य क्षेत्र के साहित्यकारों का किया सम्मान
भोपाल
उप मुख्यमंत्री राजेन्द्र शुक्ल ने कहा है कि साहित्य समाज का आईना होता है। साहित्यकार अपनी लेखनी के माध्यम से संस्कृति, परंपरा, संवेदना और विचारों को आने वाली पीढ़ियों तक पहुंचाते हैं। विंध्य की यह गौरवशाली परंपरा है कि यहां के साहित्यकारों ने राष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान बनाई है। मध्यप्रदेश साहित्य अकादमी पुरस्कार जैसे प्रतिष्ठित सम्मान प्राप्त करना न केवल व्यक्तिगत उपलब्धि है बल्कि विंध्य की साहित्यिक धरती की सामूहिक उपलब्धि है। यह गौरव पूरे प्रदेश का है और साहित्यकारों के इस योगदान को सदैव याद रखा जाएगा। उप मुख्यमंत्री शुक्ल ने विंध्य क्षेत्र के वरिष्ठ साहित्यकारों को मंत्रालय भोपाल में सम्मानित किया। उन्होंने डॉ. चंद्रिका प्रसाद चंद्र, डॉ. ओमप्रकाश मिश्र ‘व्यथित’ एवं डॉ. विवेक द्विवेदी का शॉल और श्रीफल प्रदान कर अभिनंदन किया।
उल्लेखनीय है कि विंध्य क्षेत्र के 6 साहित्यकार/लेखकों को प्रतिष्ठित मध्यप्रदेश साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। यह पहला अवसर है जब विंध्य क्षेत्र के 6 लेखकों को यह प्रतिष्ठित पुरस्कार प्राप्त हुआ है। इनमें से 4 लेखक रीवा के निवासी हैं। डॉ. चंद्रिका प्रसाद चंद्र को ‘रिश्तन केर निबाह’ बघेली कहानी संकलन के लिए विश्वनाथ सिंह जूदेव साहित्य एकेडमी पुरस्कार वर्ष-2023 से सम्मानित किया गया है। डॉ. चंद्र ने 8 निबंध संग्रह, 1 कविता संग्रह और 2 बघेली कहानी संकलन की रचना की है।
डॉ. ओमप्रकाश मिश्र ‘व्यथित’ को ‘मेरा परिचय-मेरी कविता’ गीत संग्रह के लिए वर्ष-2023 का वीरेन्द्र कुमार मिश्र साहित्य एकेडमी पुरस्कार प्राप्त हुआ है। डॉ. विवेक द्विवेदी को ‘सुनो कावेरी’ कहानी संकलन पर सुभद्रा कुमारी चौहान साहित्य एकेडमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। डॉ. द्विवेदी ने 9 उपन्यास और 10 कहानी संग्रह लिखे हैं। इसके अतिरिक्त डॉ. प्रमोद जैन को लघु कथा संग्रह ‘सेल्फी’ पर जैनेन्द्र कुमार पुरस्कार और मैहर निवासी सीताशरण गुप्त को बघेली कविता संग्रह ‘जगन्नाथ केर प्रसाद’ के लिए वर्ष-2022 का विश्वनाथ सिंह जूदेव साहित्य एकेडमी पुरस्कार प्राप्त हुआ है। बाल साहित्य पर पाणि पंकज पांडे को वर्ष-2022 का हरिकृष्ण देवसरे मध्यप्रदेश साहित्य एकेडमी पुरस्कार प्राप्त हुआ है।