ट्रंप सरकार की सख्ती: 5.5 करोड़ वीजा होल्डर्स पर नजर, नियम तोड़ने पर होगा कैंसिल

वाशिंगटन

अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के प्रशासन ने वीजा नियमों को लेकर एक बड़ा कदम उठाया है। ट्रंप प्रशासन ने करीब 5.5 करोड़ (55 मिलियन) वीजा धारकों की संपूर्ण समीक्षा (Review) शुरू की है। इस समीक्षा का उद्देश्य है यह देखना कि किसी ने वीजा की शर्तों का उल्लंघन तो नहीं किया है और अगर किया है तो उस पर डिपोर्टेशन (देश से निकाला जाना) की कार्रवाई की जा सके।
किन-किन पर पड़ेगा असर?

इस फैसले का असर अमेरिका में रह रहे सभी वीजा होल्डर्स पर पड़ सकता है, जैसे:

    छात्र (Student Visa)

    वर्क वीजा वाले कर्मचारी (H1-B, L1 वीजा आदि)

    फैमिली वीजा धारक (Spouse/Dependent Visa)

    पर्यटक या विज़िटर वीजा पर आए लोग

    ग्रीन कार्ड के लिए अप्लाई कर चुके लोग

सरकार की दलील क्या है?

एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी के अनुसार:"अगर किसी व्यक्ति के वीजा रिकॉर्ड में ओवरस्टे (यानी तय समय से ज्यादा रुकना), आपराधिक गतिविधि, सुरक्षा के लिए खतरा, या आतंकवाद से जुड़ी किसी भी प्रकार की जानकारी मिलती है, तो उसका वीजा कभी भी रद्द किया जा सकता है।"

यानी कि अगर कोई वीजा धारक नियमों के उल्लंघन में पकड़ा जाता है तो बिना किसी पूर्व चेतावनी के उनका वीजा सस्पेंड या रद्द किया जा सकता है।
कौन कर रहा है यह जांच?

यह जांच अमेरिका के स्टेट डिपार्टमेंट और होमलैंड सिक्योरिटी विभाग की ओर से की जा रही है। सभी वीजा धारकों की पृष्ठभूमि (Background) की जांच की जा रही है। इसमें पुलिस रिकॉर्ड, इमिग्रेशन हिस्ट्री, और कोर्ट केस तक की जानकारी शामिल होगी।
क्यों हो रही है चिंता?

इमिग्रेंट एडवोकेसी ग्रुप्स (प्रवासी अधिकार संगठनों) ने इस फैसले पर चिंता जताई है। उनके मुताबिक:

    यह प्रक्रिया अत्यधिक कठोर और भेदभावपूर्ण हो सकती है।

    बिना स्पष्ट वजह के भी कई लोगों का वीजा रद्द किया जा सकता है।

    ऐसे फैसलों से विदेशी छात्रों और कुशल कामगारों में डर का माहौल बन सकता है।

पहले भी ट्रंप प्रशासन ने किए थे सख्त फैसले

डोनाल्ड ट्रंप के राष्ट्रपति कार्यकाल में इमिग्रेशन नीति पहले से ही काफी सख्त रही है। इससे पहले उन्होंने मुस्लिम बैन लगाया था, जिसमें कुछ देशों के नागरिकों को अमेरिका आने से रोका गया था। H1-B वीजा की प्रक्रिया को कड़ा किया था और डीएसीए (DACA) जैसे कार्यक्रमों को खत्म करने की कोशिश की थी, जिससे लाखों युवा अप्रवासी प्रभावित हुए थे।
भारतीयों पर क्या असर?

अमेरिका में लाखों भारतीय छात्र और आईटी प्रोफेशनल्स H1-B, F1 और अन्य वीजा पर रहते हैं। ऐसे में इस फैसले से भारत के हजारों परिवारों और पेशेवरों पर असर पड़ सकता है। खासतौर पर वे लोग जिनकी वीजा वैधता को लेकर कोई पेचीदगी है — उन्हें डिपोर्टेशन का नोटिस मिल सकता है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Recent Post

Live Cricket Update

You May Like This

error: Content is protected !!

4th piller को सपोर्ट करने के लिए आप Gpay - 7587428786