असम। राज्यमंत्रिमंडल ने हाल में फैसला किया कि 14 साल से कम उम्र की लड़कियों से विवाह करने वालों के खिलाफ यौन अपराध से बच्चों का संरक्षण (पॉक्सो) कानून के तहत मामला दर्ज किया जाएगा और 14-18 साल की लड़कियों से विवाह करने वालों के खिलाफ बाल विवाह रोकथाम अधिनियम, 2006 के तहत मामला दर्ज किया जाएगा। जिसके बाद पुलिस ने अब तक 2211 लोगों को गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार आरोपियों में ऐसे विवाह कराने वाले पंडित और मौलवी भी शामिल हैं। पुलिस ने कहा कि उनके पास 8000 आरोपियों की सूची है और यह अभियान जारी रहेगा।
असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा ने बताया कि अब तक पूरे असम में बाल विवाह से संबंधित 4074 मामले दर्ज किए गए हैं, जबकि 8134 लोगों की पहचान आरोपी के रूप में की गई। शनिवार सुबह तक 2211 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है। बाल विवाह के खिलाफ कार्रवाई जारी रहेगी। हमें लगभग 3500 लोगों को गिरफ्तार करना होगा।
उन्होंने कहा, ”राज्य भर में शुक्रवार सुबह से मुहिम शुरू की गई और यह अगले तीन से चार दिन तक जारी रहेगी। राज्य मंत्रिमंडल ने 23 जनवरी को यह फैसला किया था कि बाल विवाह के दोषियों को गिरफ्तार किया जाएगा और साथ ही व्यापक जागरूकता अभियान भी चलाया जाएगा। इस घोषणा के एक पखवाड़े से भी कम समय में पुलिस ने बाल विवाह के 4004 मामले दर्ज किए हैं।”
अगले तीन से चार दिनों तक जारी रहेगा अभियान
पुलिस महानिदेशक जीपी सिंह ने कहा, हमारे पास 8,000 नामजद अभियुक्तों की सूची है और अभी तक हमने केवल 2211 लोगों को गिरफ्तार किया है। बाल विवाह के खिलाफ अभियान अगले तीन से चार दिनों तक जारी रहेगा। शुक्रवार शाम तक, विश्वनाथ जिले में सबसे अधिक 137 गिरफ्तारियां की गई हैं, इसके बाद धुबरी में 126, बक्सा में 120, बारपेटा में 114 और कोकराझार में 96 गिरफ्तारियां हुई हैं।