नई दिल्ली/रायपुर। दिल्ली विशेष पुलिस स्थापना अधिनियम की धारा-6 के तहत छत्तीसगढ़ में हुए 570 करोड़ के कोल लेवी मनी लांड्रिंग घोटाले की सीबीआई जांच को विधिवत स्वीकृति दे दी गई है। 2020 से 2022 के बीच छत्तीसगढ़ में कोयला परिवहन के नाम पर 570 करोड़ रुपये की अवैध वसूली की गयी, कोयले पर 25 रुपये प्रति टन की दर से यह वसूली की जाती थी।
जांच में सहयोग के निर्देश
गृह विभाग की फाइल (क्रमांक F No. 4-10/Home-C/) और पुलिस मुख्यालय के सीआईडी लीगल सेक्शन ने सभी रेंज आईजी और जिलों के एसपी को विशेष निर्देश जारी किए हैं। इन निर्देशों में कहा गया है कि सीबीआई को जांच में सहयोग करें और सभी दस्तावेजों की तुरंत आपूर्ति करें।
ईडी ने की थी सीबीआई जांच की मांग
उपरोक्त मामले में पहले ही कानूनी प्रक्रिया शुरू हो चुकी थी। 14 अगस्त 2023 को प्रवर्तन निदेशालय ने छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट में याचिका दायर कर सीबीआई जांच की मांग की थी। ईडी ने याचिका में आरोप लगाया था कि उन्होंने पीएमएलए की धारा 66 के तहत राज्य सरकार को घोटाले से जुड़े दस्तावेज सौंपे थे, मगर कार्रवाई नहीं हुई।
ईओडब्ल्यू एसीबी राज्य सरकार के अधीन : निष्पक्ष जांच नहीं होगी
ईडी ने यह भी कहा था कि राज्य के आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो और ईओडब्ल्यू एसीबी में सभी अधिकारी राज्य सरकार के अधीन हैं, जिससे निष्पक्ष जांच पर सवाल खड़े होते हैं।
आरोपियों को जमानत
इस घोटाले में गिरफ्तार तीन वरिष्ठ अधिकारियों को मई 2025 में सुप्रीम कोर्ट ने सशर्त जमानत दी थी। इनमें आईएएस समीर विश्नोई, आईएएस रानू साहू और तत्कालीन उप सचिव सौम्या चौरसिया शामिल हैं।