नई दिल्ली। बिहार में जारी विशेष मतदाता पुनरीक्षण अभियान को लेकर विपक्ष ने भले ही सवाल उठाए हों, लेकिन सुप्रीम कोर्ट के हालिया रुख से चुनाव आयोग को मजबूत समर्थन मिला है। अब आयोग इस अभियान को पूरे देश में लागू करने की तैयारी में है। सूत्रों के मुताबिक, इसकी आधिकारिक घोषणा जल्द की जा सकती है।
इस अभियान की शुरुआत पांच राज्यों—पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु, असम, केरल और एक अन्य राज्य से अगले महीने की जाएगी। इन सभी राज्यों में आगामी वर्ष में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं, इसलिए सबसे पहले वहां मतदाता सूची को अद्यतन करने पर जोर दिया जा रहा है।
चरणबद्ध तरीके से यह अभियान अगले दो वर्षों में पूरे देश में लागू किया जाएगा। पहले उन राज्यों को प्राथमिकता दी जाएगी जहां निकट भविष्य में चुनाव हैं, फिर अन्य राज्यों में विस्तार किया जाएगा।
सूत्रों की मानें तो देश के सभी मुख्य निर्वाचन पदाधिकारियों को इसकी जानकारी दे दी गई है और उन्होंने इस अभियान की तैयारी शुरू कर दी है। इस प्रक्रिया का उद्देश्य नए मतदाताओं को जोड़ना, डुप्लीकेट प्रविष्टियों को हटाना और मतदाता पहचान को अधिक पारदर्शी बनाना है।
हालांकि बिहार में इस अभियान को लेकर कांग्रेस सहित कुछ विपक्षी दलों ने राजनीतिक दुर्भावना की आशंका जताई थी, लेकिन चुनाव आयोग का कहना है कि यह कदम स्वच्छ और अद्यतन मतदाता सूची की दिशा में जरूरी है, जो किसी भी मजबूत लोकतंत्र की नींव होती है।