बस्तर: छत्तीसगढ़ के बस्तर जिले में साइबर ठगों का एक संगठित और अंतरराज्यीय नेटवर्क सक्रिय है, जो मोबाइल, सोशल मीडिया और फर्जी ऐप्स के ज़रिए आम लोगों के बैंक खातों से करोड़ों की रकम उड़ा रहा है। बीते एक साल में जिले में 4500 से अधिक साइबर ठगी के मामले दर्ज हुए हैं, जिनमें ठगों ने 5.5 करोड़ रुपये से अधिक की रकम लोगों से हड़पी है।
जामताड़ा से गिरोह गिरफ्तार, APK ऐप से करते थे ठगी
बस्तर पुलिस ने झारखंड के जामताड़ा से साइबर ठगों के एक गिरोह को गिरफ्तार किया है। यह गिरोह एक फर्जी APK ऐप के माध्यम से लोगों के मोबाइल तक एक्सेस प्राप्त कर, उनके बैंक खाते खाली कर देता था। पुलिस के अनुसार गिरोह झारखंड, उत्तर प्रदेश, गुजरात और महाराष्ट्र जैसे राज्यों से भी ऑपरेट कर रहा था।
1 करोड़ रुपये की होल्डिंग, कई पीड़ितों को रकम वापस
बस्तर पुलिस ने समय रहते कार्रवाई करते हुए लगभग 1 करोड़ रुपये की राशि होल्ड कराई है और कई पीड़ितों को उनकी रकम वापस दिलवाई है। पुलिस की तकनीकी टीम को जैसे ही ठगी की शिकायत मिलती है, वह तुरंत ट्रांजेक्शन को ट्रैक कर आवश्यक कदम उठाती है।
पूरे बस्तर संभाग में 50 करोड़ की ठगी की आशंका
बस्तर जिले के आंकड़ों से संकेत मिलता है कि पूरे बस्तर संभाग में साइबर ठगी का आंकड़ा 40 से 50 करोड़ रुपये तक पहुंच सकता है। ठगों के नए-नए तरीके, और आम जनता की तकनीकी जानकारी की कमी, इस अपराध को और आसान बना रही है।
साइबर सुरक्षा को लेकर जागरूकता अभियान जारी
बस्तर एसपी सलभ सिन्हा ने बताया कि पुलिस द्वारा स्कूलों, कॉलेजों, बाजारों और ग्रामीण इलाकों में साइबर जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है। लोगों को सिखाया जा रहा है कि किसी भी फर्जी कॉल, लिंक या ऐप से कैसे बचा जाए।
पुलिस की अपील: सतर्क रहें, तुरंत करें शिकायत
पुलिस ने आम जनता से अपील की है कि वे किसी भी संदिग्ध कॉल, अनजान लिंक या ऐप के झांसे में न आएं। कोई भी बैंक डिटेल साझा न करें और किसी संदिग्ध गतिविधि की स्थिति में तत्काल साइबर सेल या नजदीकी पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराएं।