रायपुर : छत्तीसगढ़ के बहुचर्चित 2161 करोड़ रुपये के शराब घोटाले में एसीबी और ईओडब्ल्यू की कार्रवाई तेज हो गई है। आज इस मामले में कोर्ट में आबकारी विभाग के अधिकारियों के खिलाफ चालान पेश किया गया, जिसके बाद राज्य के उपमुख्यमंत्री और गृह मंत्री विजय शर्मा ने पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को आड़े हाथों लिया।
“जब सरकार खुद भ्रष्टाचार करे, तो यही हाल होता है” – विजय शर्मा
डिप्टी सीएम विजय शर्मा ने प्रेस से बात करते हुए कहा,
“जब सरकार खुद भ्रष्टाचार में शामिल होती है, तो ऐसा ही होता है। भूपेश बघेल ने इतने लोगों को इस पूरे खेल में फंसा दिया। अब सब सामने आ रहा है।”
विजय शर्मा ने घोटाले में शामिल पूर्व मंत्री कवासी लखमा को लेकर भी कहा कि,
“इतने बड़े घोटाले के बाद उन्हें अनपढ़ कहना गलत है। जिनके हाथों में सिस्टम था, वही इसे लूटते रहे।”
ईओडब्ल्यू की जांच में चौंकाने वाले खुलासे
शराब घोटाले की जांच कर रही ईओडब्ल्यू ने बताया कि:
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23 से अधिक आबकारी अधिकारी इस घोटाले में आरोपी बनाए गए हैं।
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अफसरों ने मिलकर सिंडिकेट तैयार किया और घोटाले को अंजाम दिया।
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हर साल लगभग 70 करोड़ रुपये की अवैध वसूली की जाती थी।
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जांच में यह भी सामने आया है कि तत्कालीन आबकारी आयुक्त निरंजन दास को हर महीने 50 लाख रुपये दिए जाते थे।
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यह रकम आबकारी अधिकारी एपी त्रिपाठी के माध्यम से पहुंचाई जाती थी।
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सिंडिकेट में शामिल हर अधिकारी का कमीशन फिक्स था।
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चार साल में अफसरों ने अवैध कमाई से करोड़ों की संपत्ति अर्जित की।
अब अगली कार्रवाई की तैयारी
शराब घोटाले में ईओडब्ल्यू की टीम अब अन्य आरोपियों और धन शोधन की कड़ियों की जांच में जुट गई है। बताया जा रहा है कि आने वाले दिनों में और भी बड़े नामों पर शिकंजा कस सकता है।
इस पूरे मामले ने छत्तीसगढ़ की राजनीति में फिर से हलचल मचा दी है। सरकार और विपक्ष के बीच आरोप-प्रत्यारोप और तेज होने की संभावना है।