सावन सोमवार पर इस बार बेहद शुभ योग से बढ़ जाता है इसका महत्व ,जानें तारीख

सावन के महीने भगवान शिव को समर्पित है। सावन के महीने का विशेष महत्व बताया गया है। सावन के महीने में जो व्यक्ति सच्चे दिल से भगवान शिव की उपासना करता हैं उसकी सारी इच्छाएं पूरी हो जाती हैं। दरअसल, सावन के महीने में ही भगवान शिव और माता पार्वती का मिलन हुआ था। दरअसल, सावन के महीने में ही भगवान शिव ने माता पार्वती की तपस्या से प्रसन्न होकर उन्हें वरदान दिया था कि वह उन्हें अपनी पत्नी रुप में स्वीकार करेंगे। इसलिए इस महीने के महत्व और अधिक बढ़ जाता है। इस बार सावन के सोमवार बेहद खास होने जा रहे हैं। दरअसल, इस बार सावन सोमवार पर कई अद्भूत संयोग एक साथ बनेंगे। आइए जानते हैं इस बार सावन में कितने सोमवार होंगे और सभी सोमवार पर कौन सा योग बनने जा रहा है।

सावन में सोमवार की लिस्ट
बता दें कि सावन महीने का आरंभ 11 जुलाई से हो रहा है और इसका अंत 9 जुलाई को होगा। ऐसे में सावन का पहला सोमवार 16 जुलाई को होगा।
सावन का पहला सोमवार 14 जुलाई 2025
सावन का दूसरा सोमवार 21 जुलाई 2025
सावन का तीसरा सोमवार 28 जुलाई 2025
सावन का चौथा सोमवार 4 अगस्त 2025

सावन के सोमवार पर बने कौनसे अद्भूत योग
सावन के पहले सोमवार 14 जुलाई को है इस बार धनिष्ठा नक्षत्र और आयुष्मान योग का शुभ संयोग रहेगा। साथ ही इस दिन गणेश चतुर्थी का भी दुर्लभ संयोग बन रहा है।

सावन का दूसरा सोमवार 21 जुलाई को इस दिन रोहिणी नक्षत्र में चंद्रमा वृषभ राशि में रहेंगे। जिससे गौरी योग में सावन का दूसरा सोमवार रहेगा। इस दिन कामिका एकादशी और सर्वार्थ सिद्धि योग का भी शुभ संयोग बन रहा है इस दिन व्रत करने से भगवान शिव के साथ साथ भगवान विष्णु की कृपा मिलेगी और वृद्धि योग होने से सुख संपत्ति में वृद्धि होगी।

सावन का तीसरा सोमवार 28 जुलाई को चंद्रमा पूर्वाफाल्गुनी नक्षत्र और उत्तरा फाल्गुनी नक्षत्र में संचार करेंगे और इस दिन सिंह राशि में चंद्रमा के होने से धन योग का बेहद शुभ संयोग रहेगा। इस दिन मंगल भी गोचर करने जा रहे हैं। ऐसे में भगवान शिव की उपासना से मंगल दोष और कालसर्प दोष प्रतिकूल प्रभाव में कमी आएगी। वृद्ध चतुर्थी का भी संयोग इस दिन रहने वाला है। इस दिन भगवान शिव और गणेशजी के आशीर्वाद से भक्तों की मनोकामना पूरी होंगी।

सावन का चौथा और आखिरी सोमवार 4 अगस्त को होगा और इस दिन सर्वार्थ सिद्धि योग का संयोग रहेगा। इस दिन चंद्रमा अनुराधा नक्षत्र और चित्रा नक्षत्र से वृश्चिक राशि पर संचार करेंगे। साथ ही इस दिन ब्रह्म और इंद्र योग का संयोग भी रहेगा।

सावन सोमवार पूजा विधि
० सावन के सोमवार की पूजा विशेष तरीके से की जाती है। इस दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान करके स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
० अब आप पूजा स्थान की अच्छे से साफ सफाई करें और इसके बाद गंगाजल छिड़कर स्थान को पवित्र कर लें। इसके बाद एक भगवान शिव की प्रतिमा स्थापित करें और फिर रोजाना उसका अभिषेक गंगाजल से करें।
० सबसे पहले शिवलिंग पर बेलपत्र चढ़ाएं, इसके बाद फूल और सफेद चंदन के लेप से सजाएं और घी का दीपक जलाएं। साथ ही महिलाएं माता पार्वती का श्रृंगार करें। इसके बाद 108 बार श्री शिवाय नमस्तुभ्य का जप करें।
० जो लोग सावन सोमवार का व्रत कर रहे हैं वह सोमवार व्रत कथा का पाठ करें और अंत में भगवान शिव और माता पार्वती की आरती करें।
० जो लोग सावन सोमवार का व्रत कर रहें हैं वह उस बात का ख्याल रखें की आप एक समय भोजन करें और सात्विक भोजन ही करें। इसी के साथ किसी के भी साथ गलत व्यवहार न करें।

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