कैडेटों ने सीखा फील्ड क्राफ्ट और बैटल क्राफ्ट का व्यावहारिक प्रशिक्षण, वायुसेना में रोजगार के अवसरों की भी मिली जानकारी
बोरई/दुर्ग।
37 छत्तीसगढ़ बटालियन एनसीसी, दुर्ग द्वारा संचालित दस दिवसीय वार्षिक प्रशिक्षण शिविर-133 के चौथे और पांचवें दिन की गतिविधियाँ अनुशासन, जोश और ज्ञानवर्धक सत्रों से भरपूर रहीं। शिविर का संचालन कैम्प कमांडेंट कर्नल प्रेमजीत व डिप्टी कैम्प कमाण्डेंट स्क्वाड्रन लीडर एम. जर्रार के नेतृत्व में तथा सूबेदार मेजर थानेश्वर गुरुंग के मार्गदर्शन में किया गया।

डिप्टी कैंप कमाण्डेंट एम. जर्रार ने एक विशेष व्याख्यान में वायुसेना की कार्यप्रणाली, विभिन्न कमांड्स की संरचना, और भर्ती प्रक्रियाओं पर विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने एनसीसी के ‘ए’, ‘बी’ और ‘सी’ प्रमाण पत्रों के लाभों को रेखांकित करते हुए बताया कि ये प्रमाण पत्र वायुसेना समेत अन्य सशस्त्र बलों में चयन के लिए महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। उन्होंने कैडेटों को प्रेरित करते हुए कहा कि इस शिविर से उनके व्यक्तित्व विकास के साथ-साथ नेतृत्व क्षमता और पब्लिक स्पीकिंग में भी सुधार आएगा।

प्रशिक्षण सत्र के दौरान ड्रिल अभ्यास में कैडेटों को तेज चल, दाएं-बाएं मुड़, सैल्यूट करना, हथियार के साथ सावधान-विश्राम, और थम के अभ्यास कराए गए। इसके अतिरिक्त थ्योरी कक्षाओं में फील्ड क्राफ्ट और बैटल क्राफ्ट की बारीकियों पर ध्यान केंद्रित किया गया। फील्ड क्राफ्ट में जजिंग डिस्टेंस, फायर डिसीप्लिन और फायर कंट्रोल ऑर्डर की जानकारी दी गई, वहीं बैटल क्राफ्ट के अंतर्गत ROFT यानी रैकी, ऑर्डर, फायरिंग और ट्रांसपोर्ट ग्रुप की भूमिका को विस्तार से समझाया गया।

कैप्टन संतोष मिश्रा ने ‘डिजिटल इंडिया’ विषय पर व्याख्यान देते हुए आधार कार्ड, मनरेगा, डीजी लॉकर, और अपार आईडी जैसी डिजिटल सुविधाओं के सुरक्षित उपयोग की जानकारी प्रदान की।

गर्मी और उमस को देखते हुए शिविर में अल्पाहार और भोजन की विशेष व्यवस्था मैस इंचार्ज सूबेदार अमरीक सिंह, सीएचएम वागस्कर अप्पा, और हवलदार उत्तम राय द्वारा की गई।
प्रशिक्षण सत्रों के दौरान कैम्प एडजुटेंट कैप्टन सी. के. साहू, ले. संतोष यादव, ले. श्रीकांत प्रधान, चीफ अफसर ए. के. सिंह, सूबेदार के. सी. बेहेरा, बीएचएम दीपक महत, हवलदार राबिन पौडेल, और हवलदार गोर बहादुर पून सहित 13 एनसीसी अधिकारी व 12 पीआई स्टाफ ने सक्रिय सहयोग प्रदान किया।
— सूचना ले. डॉ. हरीश कुमार कश्यप द्वारा प्रदान की गई।