मनेंद्रगढ़ : छत्तीसगढ़ में युक्तियुक्तकरण प्रक्रिया में अनियमितताओं को लेकर कार्रवाई का सिलसिला जारी है। सोमवार देर शाम मनेंद्रगढ़ विकासखंड के बीईओ सुरेंद्र जायसवाल को निलंबित कर दिया गया। इसके साथ ही अब तक चार बीईओ निलंबित किए जा चुके हैं, जबकि कई और सस्पेंशन की कतार में बताए जा रहे हैं।
बीईओ सुरेंद्र जायसवाल पर आरोप है कि उन्होंने युक्तियुक्तकरण प्रक्रिया में सीनियर और जूनियर शिक्षकों की सीनियरिटी में गड़बड़ी की और नियमों को नजरअंदाज किया।
ये रही मुख्य गड़बड़ियां:
- माध्यमिक शाला लेदरी में पदस्थ शिक्षिका गुंजन शर्मा की वरिष्ठता 4393 थी, जबकि बेबी धृतलहरे की 4394। इसके बावजूद गुंजन शर्मा को अतिशेष घोषित कर दिया गया।
- प्राथमिक शाला चिमटीमार में शिक्षिका संध्या सिंह का कार्यभार 12 फरवरी 2011 से था, जबकि अर्णिमा जायसवाल ने कार्यभार 17 फरवरी 2011 को ग्रहण किया था। फिर भी अर्णिमा को बचाते हुए संध्या सिंह को अतिशेष कर दिया गया।
- माध्यमिक शाला साल्ही में पदस्थ शिक्षक सूर्यकांत जोशी के विषय को गलत दर्शाया गया, जिससे उनकी पदस्थापना में अनियमितता हुई।
इन सभी मामलों में नियमों का उल्लंघन कर वरिष्ठ शिक्षकों को जूनियर बताकर स्थानांतरण में गड़बड़ी की गई। इस पूरे मामले की जांच के बाद कलेक्टर ने कमिश्नर को कार्रवाई का प्रस्ताव भेजा, जिसके आधार पर कमिश्नर ने बीईओ सुरेंद्र जायसवाल को तत्काल प्रभाव से निलंबित करते हुए उन्हें डीईओ कार्यालय अटैच कर दिया।
सख्त रुख में प्रशासन
शिक्षा विभाग में पारदर्शिता और नियमों के पालन को लेकर प्रशासन अब सख्त नजर आ रहा है। लगातार सामने आ रही शिकायतों के चलते अब युक्तियुक्तकरण प्रक्रिया की जांच और निगरानी और भी तेज कर दी गई है। अन्य बीईओ के विरुद्ध भी जांच चल रही है, और जल्द ही अधिक निलंबन की संभावना जताई जा रही है।