बिलासपुर : छत्तीसगढ़ के बहुप्रतीक्षित प्राचार्य पदोन्नति मामले में आज बिलासपुर उच्च न्यायालय में अहम सुनवाई हुई। न्यायमूर्ति रजनी सिंहा और न्यायमूर्ति सचिन सिंह राजपूत की द्वैधपीठ ने मामले को अनावश्यक रूप से लंबा खींचे जाने पर नाराजगी जताई और स्पष्ट निर्देश दिए कि अगली सुनवाई 11 जून 2025 को अंतिम रूप से की जाएगी।
याचिकाकर्ता को समय देने से कोर्ट का इनकार
सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता पक्ष के अधिवक्ताओं ने काउंटर रिटर्न दाखिल करने के लिए समय मांगा और अगली तिथि 14 जून रखने की मांग की। इस पर कोर्ट ने सख्त टिप्पणी करते हुए कहा, “काउंटर रिटर्न कल 10 जून तक दाखिल करें और 11 जून को ही फाइनल हियरिंग होगी।” अंततः कोर्ट ने याचिकाकर्ता की मांग पर 11 जून की तिथि तो निर्धारित की, लेकिन यह भी स्पष्ट कर दिया कि अब और विलंब नहीं होगा।
प्राचार्य पदोन्नति फोरम की सक्रिय भागीदारी
आज की सुनवाई में प्राचार्य पदोन्नति फोरम की ओर से अनिल शुक्ला, राकेश शर्मा, श्याम कुमार वर्मा, रुद्र कुमार वर्मा और विनोद कुमार वर्मा हाईकोर्ट में उपस्थित रहे। फोरम की यह सक्रियता दर्शाती है कि राज्य भर के शिक्षकों में इस मामले को लेकर व्यापक रुचि और गहरी चिंता है।
क्या है मामला?
यह विवाद छत्तीसगढ़ राज्य में शिक्षकों की प्राचार्य पद पर पदोन्नति से जुड़ा है, जो वर्षों से लंबित है। पदोन्नति प्रक्रिया में पारदर्शिता और समयबद्धता को लेकर कई याचिकाएं दायर की गई हैं। अब जब हाईकोर्ट ने अंतिम सुनवाई की तिथि तय कर दी है, तो राज्य भर के शिक्षक समुदाय में उम्मीद जगी है कि जल्द ही न्याय मिलेगा और पदोन्नति प्रक्रिया को गति मिलेगी।