केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने रविवार को तमिलनाडु के मदुरै में एक सभा को संबोधित करते हुए डीएमके सरकार पर जमकर हमला बोला. उन्होंने पिछले चार वर्षों में डीएमके के शासन को भ्रष्टाचार का पर्याय बताया और कई गंभीर आरोप लगाए. शाह ने कहा कि डीएमके ने भ्रष्टाचार की सारी हदें पार कर दी हैं, जिसका खामियाजा तमिलनाडु की जनता को भुगतना पड़ा है.
पोषण किट और रेत खनन घोटाले
अमित शाह ने केंद्र द्वारा दी गई 450 करोड़ रुपये की पोषण किटों को निजी कंपनी को सौंपने का आरोप लगाया, जिसके कारण गरीबों को भोजन से वंचित होना पड़ा. उन्होंने डीएमके पर 4600 करोड़ रुपये के अवैध रेत खनन घोटाले का भी जिक्र किया, जिसने गरीबों को महंगी रेत खरीदने के लिए मजबूर किया. शाह ने कहा, “मेरे पास एमके स्टालिन सरकार द्वारा किए गए भ्रष्टाचार की लंबी सूची है, लेकिन मैं उन पर विस्तार से समय बर्बाद नहीं करना चाहता.”
तस्माक घोटाले का उल्लेख
गृहमंत्री ने तमिलनाडु स्टेट मार्केटिंग कॉर्पोरेशन (तस्माक) घोटाले को भी उठाया, जिसमें 39,000 करोड़ रुपये के नुकसान का आरोप है. उन्होंने कहा कि इस राशि से “तमिलनाडु के प्रत्येक स्कूल में दो अतिरिक्त कमरे बनाए जा सकते थे.” शाह ने डीएमके को चुनौती देते हुए कहा, “आप जनता को बताएं कि आपने कितने वादे पूरे किए हैं.”
चुनावी वादों में विफलता
शाह ने आरोप लगाया कि स्टालिन सरकार अपने 60 प्रतिशत चुनावी वादों को भी पूरा नहीं कर सकी. उन्होंने डीएमके के दावों को खारिज करते हुए कहा, “मैं रहता तो दिल्ली में हूं, लेकिन मेरे कान तमिलनाडु में लगे रहते हैं. स्टालिन साहब आप सही कहते हैं, मैं डीएमके को नहीं हरा सकता, लेकिन तमिलनाडु की जनता डीएमके को हरा सकती है.”
सुप्रीम कोर्ट का हस्तक्षेप
पिछले महीने सुप्रीम कोर्ट ने मनी लॉन्ड्रिंग रोकथाम कानून के तहत प्रवर्तन निदेशालय की जांच पर रोक लगा दी थी. तमिलनाडु सरकार ने इसे केंद्र की एजेंसी के दुरुपयोग का मामला बताया था. विश्लेषकों का मानना है कि शाह का यह हमला आगामी चुनावों में बीजेपी की स्थिति मजबूत करने की रणनीति है.