बर्ड फ्लू का हाई अलर्ट : सभी Zoo और इटावा लॉयन सफारी 7 दिन के लिए बंद

लखनऊ। उत्तर प्रदेश के सभी प्राणी उद्यानों और सफारी पार्कों में बर्ड फ्लू (एवियन इन्फ्लूएंजा) के बढ़ते खतरे को देखते हुए राज्य सरकार ने प्रदेश के सभी चिड़ियाघरों और इटावा की लॉयन सफारी को एक हफ्ते के लिए बंद करने का आदेश जारी किया है। राज्य सरकार द्वारा यहां जारी एक बयान के मुताबिक, बर्ड फ्लू के बढ़ते खतरे को देखते हुए हाई अलर्ट जारी किया गया है। वन्य जीव विभाग ने स्वास्थ्य सुरक्षा मानकों का कड़ाई से पालन करते हुए प्रदेश के सभी चिड़ियाघरों और इटावा की लॉयन सफारी को एक सप्ताह के लिए बंद कर दिया है। अधिकारियों ने बताया कि गोरखपुर के शहीद अशफाक उल्ला खां चिड़ियाघर में एक बाघिन में बर्ड फ्लू की पुष्टि होने के बाद यह एहतियाती कदम उठाए गए हैं।

गोरखपुर Zoo में जांच टीम गठित, 15 दिन में एवियन फ्लू पर रिपोर्ट होगी पेश
प्रधान मुख्य वन संरक्षक (वन्यजीव) अनुराधा वेमुरी ने बताया कि प्रदेश के चिड़ियाघरों और सफारी में बर्ड फ्लू के बढ़ते हुए खतरे को देखते हुए केंद्रीय चिड़ियाघर प्राधिकरण ने गोरखपुर के शहीद अशफाक उल्ला खां प्राणी उद्यान में महामारी की जांच के लिए पशु चिकित्सकों और पैथोलॉजिस्ट की 5 सदस्यीय टीम गठित की है। वेमुरी ने बताया कि वह जांच के बाद 15 दिनों के भीतर वन्य जीवों में एवियन इंफ्लूएंजा के प्रभाव की रिपोर्ट पेश करेगी, जिसके अनुसार आने वाले दिनों में प्रदेश के चिड़ियाघरों और लॉयन सफारी का रख रखाव किया जाएगा। उन्होंने बताया कि इस टीम में पशुपालन और डेयरी मंत्रालय के प्रतिनिधि, वन्यजीव स्वास्थ्य प्रबंधन विभाग, भारतीय वन्यजीव संस्थान देहरादून, आईसीएआर बरेली और भोपाल के प्रतिनिधि एवं पैथोलॉजिस्ट शामिल हैं। वेमुरी ने बताया कि लखनऊ, कानपुर, गोरखपुर, और इटावा सफारी पार्क सहित राज्य के सभी चिड़ियाघरों में विशेष निगरानी व्यवस्था और स्वास्थ्य सुरक्षा के मानकों का कड़ाई से पालन किया जा रहा है।

योगी सरकार सख्त, Zoo और पोल्ट्री फार्मों पर निगरानी के निर्देश
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में मंगलवार को हुई एक उच्च स्तरीय बैठक में जारी निर्देशों के अनुरूप लखनऊ और कानपुर के चिड़ियाघरों को भी सात दिनों तक बंद रखने का आदेश दिया गया है। इस निर्णय का उद्देश्य वायरस के किसी भी संभावित संक्रमण को रोकना और चिड़ियाघरों और पोल्ट्री फार्मों में निगरानी बढ़ाना है। मुख्यमंत्री ने विभागों में तत्काल और समन्वित कार्रवाई की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने कहा, “चिड़ियाघरों, पक्षी अभयारण्यों, आर्द्रभूमि, गौशालाओं और राष्ट्रीय उद्यानों में जानवरों और पक्षियों की सुरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता होनी चाहिए। सभी अधिकारियों को केंद्र और राज्य सरकारों के दिशा-निर्देशों के अनुसार तत्परता से काम करना चाहिए।” आदित्यनाथ ने निर्देश दिया कि सभी चिड़ियाघर परिसरों को नियमित रूप से साफ किया जाए, जानवरों की लगातार स्वास्थ्य जांच की जाए और जानवरों के भोजन और पानी के स्रोतों की पूरी तरह से जांच की जाए। वन और स्वास्थ्य विभाग हाई अलर्ट पर हैं, चिड़ियाघर और सफारी के कर्मचारियों को ड्यूटी के दौरान मास्क, दस्ताने और पीपीई किट जैसे सुरक्षात्मक उपकरण का उपयोग करने का निर्देश दिया गया है।

बाघिन की मौत से खुलासा, पूरे प्रदेश में बढ़ी जैव सुरक्षा सख्ती
गोरखपुर चिड़ियाघर में रखी गई एक बाघिन की बर्ड फ्लू से मौत होने की पुष्टि की गई थी। वन मंत्री अरुण कुमार सक्सेना ने पुष्टि की कि गोरखपुर में मरने वाली बाघिन में बर्ड फ्लू पाया गया था। सक्सेना ने कहा, “लैब रिपोर्ट में बाघिन में बर्ड फ्लू की पुष्टि हुई है। नतीजतन, न केवल चिड़ियाघरों में बल्कि पूरे राज्य में पोल्ट्री फार्मों में भी निगरानी बढ़ा दी गई है। कर्मचारियों को सख्त जैव सुरक्षा उपायों का पालन करने का निर्देश दिया गया है।” इस बीच, लखनऊ चिड़ियाघर की निदेशक अदिति सिंह ने कहा कि राजधानी के चिड़ियाघर में बर्ड फ्लू का कोई मामला सामने नहीं आया है, लेकिन एहतियात के तौर पर चिड़ियाघर को एक हफ्ते के लिए बंद कर दिया गया है। उन्होंने कहा, “सभी जानवरों पर कड़ी निगरानी रखी जा रही है। सप्ताह के अंत में स्थिति की समीक्षा के बाद इसे फिर से खोलने का फैसला लिया जाएगा।” बर्ड फ्लू या एवियन इन्फ्लूएंजा एक संक्रामक वायरल बीमारी है जो मुख्य रूप से पक्षियों को प्रभावित करती है, लेकिन दुर्लभ मामलों में, अगर वायरस जोर पकड़ता है तो यह स्तनधारियों और यहां तक कि मनुष्यों में भी फैल सकती है।

 

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