नई दिल्ली। पहलगाम आतंकी हमले के ठीक 15 दिन बाद भारत ने पाकिस्तान की सरजमीं पर ऐसा सटीक और संयमित सैन्य प्रहार किया है, जिसे 1971 के युद्ध के बाद सबसे गहरी कार्रवाई माना जा रहा है। ऑपरेशन सिंदूर के जरिए भारत ने आतंकवाद के खिलाफ सिर्फ जवाब नहीं दिया, बल्कि एक निर्णायक संदेश भी दे दिया है।
🇮🇳 तीनों सेनाओं की संयुक्त कार्रवाई
‘ऑपरेशन सिंदूर’ को थलसेना, वायुसेना और नौसेना ने मिलकर अंजाम दिया।
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🎯 9 आतंकी ठिकाने तबाह: बहावलपुर, मुरीदके, सियालकोट सहित
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💣 विशेष प्रिसीजन म्यूनिशन का इस्तेमाल
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🛰️ POK और पाकिस्तान के भीतर गहरी घुसपैठ
🕊️ हमला नहीं, सर्जिकल संदेश
रक्षा मंत्रालय ने स्पष्ट किया है कि ये हमला किसी युद्ध को उकसाने के लिए नहीं किया गया:
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✅ संयमित और केंद्रित सैन्य कार्रवाई
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🎯 केवल आतंकी ठिकाने ही लक्ष्य
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❌ पाकिस्तानी सैन्य प्रतिष्ठानों पर हमला नहीं
🧭 पीएम मोदी की रातभर निगरानी
सूत्रों के अनुसार, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पूरे अभियान की निगरानी खुद की।
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🕐 पल-पल की जानकारी ली
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🔍 रणनीतिक निर्देश दिए
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🗣️ सेना प्रमुखों से सीधे संवाद
🛡️ राजनाथ सिंह ने तीनों सेनाओं से ली जानकारी
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने आज सुबह तीनों सेनाओं के प्रमुखों से मुलाकात की।
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📋 ऑपरेशन की सफलता, निगरानी और भविष्य की रणनीति पर चर्चा
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📰 सुबह 10 बजे रक्षा मंत्रालय की महत्वपूर्ण प्रेस ब्रीफिंग आयोजित होगी
🔥 हमले का कारण: 22 अप्रैल का पहलगाम नरसंहार
22 अप्रैल को बायसरन घाटी में आतंकियों ने धर्म पूछकर 25 भारतीयों और 1 नेपाली नागरिक की हत्या कर दी थी।
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🧕 विधवाओं के सम्मान में नामित: ऑपरेशन सिंदूर
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🎯 मुख्य लक्ष्य: जैश-ए-मोहम्मद (JeM) और लश्कर-ए-तैयबा (LeT)
📌 क्यों है यह ऑपरेशन ऐतिहासिक?
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🕊️ संयम और संतुलन का परिचायक
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🗺️ पाकिस्तान की अविवादित सीमा में सबसे गहरी कार्रवाई
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🌍 अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत की रणनीतिक मजबूती प्रदर्शित