नान घोटाले में दो पूर्व IAS और पूर्व महाधिवक्ता के खिलाफ CBI ने दर्ज किया केस

रायपुर। छत्तीसगढ़ के बहुचर्चित नागरिक आपूर्ति निगम (NAN) घोटाले में बड़ा मोड़ आया है। CBI ने इस घोटाले में दो पूर्व IAS अधिकारी डॉ. आलोक शुक्ला और अनिल टुटेजा, तथा तत्कालीन महाधिवक्ता सतीश चंद्र वर्मा के खिलाफ मामला दर्ज किया है। यह केस राज्य आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो (EOW) में पहले से दर्ज एफआईआर संख्या 49/2024 के आधार पर सीबीआई ने अपने हाथ में लिया है।


CBI की कार्रवाई: घरों पर छापे और दस्तावेज बरामद

CBI ने छत्तीसगढ़ सरकार की अधिसूचना के बाद रायपुर में दो स्थानों पर छापेमारी की, जहां दोनों पूर्व IAS अधिकारियों के परिसरों से आपत्तिजनक दस्तावेज बरामद किए गए। जांच एजेंसी ने अपनी प्रेस रिलीज में स्पष्ट किया कि यह कार्रवाई पूर्व में ईओडब्ल्यू/एसीबी रायपुर द्वारा दर्ज मामले और प्रवर्तन निदेशालय (ED) द्वारा की जा रही जांच से जुड़ी है।


क्या हैं आरोप?

CBI की रिपोर्ट के अनुसार, इन पूर्व लोक सेवकों पर आरोप है कि उन्होंने:

  • अपने पद का दुरुपयोग करते हुए NAN घोटाले की जांच को प्रभावित करने की कोशिश की।

  • आयकर विभाग द्वारा जब्त डिजिटल साक्ष्यों में उनके द्वारा कार्रवाई को विफल करने के प्रयासों के प्रमाण मिले हैं।

  • तत्कालीन महाधिवक्ता सतीश चंद्र वर्मा को प्रभावित कर ईडी और ईओडब्ल्यू से अग्रिम जमानत हासिल करने के लिए अनुचित लाभ प्रदान किए।

  • राज्य EOW में पदस्थ वरिष्ठ अधिकारियों के दस्तावेजों में फेरबदल कर NAN मामले में हाईकोर्ट में दायर किए जाने वाले जवाब को बदलवाया।


CBI ने कहा – जांच जारी है

सीबीआई का कहना है कि इस मामले की जांच गंभीर वित्तीय अनियमितताओं और पद के दुरुपयोग के आधार पर की जा रही है। आने वाले दिनों में और छापेमारी, गवाहों के बयान, और डिजिटल फोरेंसिक विश्लेषण की प्रक्रिया तेज़ हो सकती है।

Recent Post

Live Cricket Update

You May Like This

error: Content is protected !!

4th piller को सपोर्ट करने के लिए आप Gpay - 7587428786