नई दिल्ली। भारतीय जनता पार्टी (BJP) में नेतृत्व परिवर्तन की चर्चाएं अब निर्णायक मोड़ पर पहुंच रही हैं। सूत्रों के अनुसार, 20 अप्रैल 2025 के बाद नए राष्ट्रीय अध्यक्ष के चयन की प्रक्रिया शुरू हो सकती है। यह बदलाव सिर्फ चेहरों का नहीं, बल्कि 2024 के बाद की राजनीति को दिशा देने वाला फैसला माना जा रहा है।
🔍 पीएम आवास पर रणनीतिक बैठक से बढ़ी हलचल
हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दिल्ली स्थित आवास पर हुई महत्वपूर्ण बैठक ने इन अटकलों को और बल दिया है। इस मीटिंग में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, संगठन महासचिव बी.एल. संतोष सहित पार्टी के शीर्ष नेता मौजूद रहे। चर्चाओं के केंद्र में था – बीजेपी का भविष्य और नया नेतृत्व।
🏁 अध्यक्ष पद की रेस में ये दिग्गज नेता शामिल
1️⃣ प्रह्लाद जोशी –
धारवाड़ से सांसद और वर्तमान में केंद्रीय मंत्री, संघ और संगठन दोनों में मजबूत पकड़। अनुशासित छवि और प्रशासनिक अनुभव उन्हें प्रमुख दावेदार बनाते हैं।
2️⃣ बी.एल. संतोष –
आरएसएस की पृष्ठभूमि और संगठनात्मक सोच के कारण संतोष का नाम स्वाभाविक रूप से चर्चा में है। वे पार्टी और संघ के बीच सेतु की भूमिका निभाते हैं।
3️⃣ सी.टी. रवि –
कर्नाटक के तेजतर्रार नेता रवि संगठन के ज़मीनी ढांचे को मज़बूत करने के लिए जाने जाते हैं। संघ से जुड़ाव और आक्रामक शैली उनकी ताकत है।
4️⃣ धर्मेंद्र प्रधान –
ओडिशा से आने वाले प्रधान चुनाव प्रबंधन के चाणक्य माने जाते हैं। राष्ट्रीय नेतृत्व की दौड़ में उनका नाम लंबे समय से है।
5️⃣ भूपेंद्र यादव –
राजस्थान से केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव की संगठन में गहरी पकड़ और कार्यकुशलता उन्हें एक अहम दावेदार बनाती है।
⚡ एक चौंकाने वाला नाम – मनोज सिन्हा
जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा का नाम अचानक उभरकर आया है। यदि उन्हें अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी मिलती है, तो यह पीएम मोदी की ओर से एक रणनीतिक और चौंकाने वाला फैसला हो सकता है।
📍 क्या दक्षिण भारत को मिलेगी कमान?
सूत्रों की मानें तो इस बार बीजेपी दक्षिण भारत, विशेषकर कर्नाटक से किसी नेता को नेतृत्व देने पर गंभीरता से विचार कर रही है। यह पार्टी की “पैन इंडिया” रणनीति का हिस्सा हो सकता है, जिससे 2029 तक के लिए संगठन को मजबूती मिले।
🗓️ अब निगाहें 20 अप्रैल के बाद पर
राजनीतिक गलियारों में उत्सुकता चरम पर है। सभी की निगाहें अब 20 अप्रैल के बाद के घटनाक्रम पर टिकी हैं। क्या बीजेपी को मिलेगा दक्षिण भारत से नेतृत्व? या एक बार फिर पीएम मोदी सबको चौंकाने वाली चाल चलेंगे?