मुंबई में जल संकट: महाराष्ट्र के मुंबई शहर में वाटर टैंकर चालकों की हड़ताल के कारण पिछले कुछ दिनों से पानी की किल्लत पैदा हो गई है। पिछले पांच दिनों से सैकड़ों रेजिडेंशियल और कमर्शियल बिल्डिंग्स पानी के लिए तरस रही हैं, जिससे रियल एस्टेट उद्योग भी प्रभावित हो रहा है।
वाटर टैंकर ओनर्स एसोसिएशन के प्रवक्ता, अनुकूर शर्मा ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा, “समस्या का समाधान तभी हो सकता है जब मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस सभी हितधारकों की बैठक बुलाएं। इसमें सेंट्रल ग्राउंड वाटर अथॉरिटी, बीएमसी और हमारे एसोसिएशन के प्रतिनिधि शामिल होने चाहिए।” उन्होंने यह भी कहा कि नई भूजल निकासी के नियम केवल मुंबई में लागू किए जा रहे हैं, जबकि यह पूरे भारत के लिए हैं।
एसोसिएशन की चार प्रमुख मांगें हैं:
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कुओं और बोरवेल के आसपास 200 मीटर खाली जगह पर जोर न दिया जाए।
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टैंकरों को सड़कों पर पार्क करने की अनुमति दी जाए।
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डिजिटल फ्लो मीटर बीएमसी द्वारा लगाए जाएं।
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टैंकर ऑपरेटरों पर लगाए गए नोटिस और जुर्माने को वापस लिया जाए।
मुंबई में करीब 350 फ्लीट मालिक हैं, जो 500 लीटर से लेकर 20,000 लीटर तक की क्षमता वाले करीब 2,500 टैंकरों का संचालन करते हैं। बीएमसी के अनुसार, शहर के पानी की आपूर्ति करने वाली झीलों में केवल 34% पानी बचा हुआ है, जिससे संकट और बढ़ सकता है।