नई दिल्ली। भारत और संयुक्त अरब अमीरात (UAE) के बीच एक क्रांतिकारी संपर्क परियोजना पर तेजी से चर्चा हो रही है। मुंबई और दुबई को समंदर के नीचे जोड़ने वाली हाई-स्पीड अंडरवॉटर ट्रेन का प्रस्ताव अब एक बार फिर चर्चा में है। यदि यह महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट साकार होता है, तो यह दुनिया की सबसे रोमांचक और तेज़ ट्रेनों में से एक होगी।
क्या है अंडरवॉटर ट्रेन प्रोजेक्ट?
यह परियोजना सबसे पहले 2018 में प्रस्तावित की गई थी और अब 2025 में एक बार फिर चर्चा में है। योजना के अनुसार, यह ट्रेन दुबई के फुजैराह और भारत के मुंबई के बीच चलेगी। ट्रेन अरब सागर के नीचे एक अंडरवॉटर टनल में दौड़ेगी और इसमें तेल एवं पानी की आपूर्ति जैसे व्यापारिक पहलू भी जुड़े होंगे।
मैग्लेव तकनीक: हवा में दौड़ती ट्रेन
इस ट्रेन प्रोजेक्ट में मैग्लेव (Magnetic Levitation) तकनीक का उपयोग होगा, जिसमें ट्रेन ट्रैक को स्पर्श नहीं करती बल्कि चुंबकीय बल से हवा में तैरती है। इसकी गति 1000 किमी/घंटा तक हो सकती है। इससे मुंबई से दुबई की दूरी महज 2 घंटे में पूरी हो सकती है – जो आज हवाई जहाज से 3 घंटे लगते हैं।
शुरुआती चरण में है परियोजना
यह प्रोजेक्ट अभी कॉन्सेप्ट स्टेज में है, लेकिन तकनीकी विशेषज्ञों और योजना निर्माताओं को उम्मीद है कि यह भविष्य में पाकिस्तान, बांग्लादेश और अन्य देशों तक भी विस्तार पा सकता है। इस परियोजना से लगभग 1.5 अरब लोगों को फायदा हो सकता है।
भारत की तकनीकी तैयारी
भारत ने कोलकाता अंडरवॉटर मेट्रो प्रोजेक्ट में सफलता हासिल की है, जो हुगली नदी के नीचे बनी देश की पहली अंडरग्राउंड मेट्रो टनल है। यह हावड़ा और एस्प्लेनेड को जोड़ती है और यह बताता है कि भारत अब ऐसी चुनौतियों से निपटने में सक्षम है।
भविष्य की संभावनाएं और फायदे
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यात्रा का नया युग शुरू होगा
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भारत-UAE के बीच व्यापार और पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा
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पर्यावरण के अनुकूल और तेज रफ्तार यात्रा
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दुबई की जल समस्या को हल करने जैसे अन्य पहलुओं में भी मदद
इस परियोजना को नेशनल एडवाइजर ब्यूरो लिमिटेड बढ़ावा दे रहा है, जो पहले भी आइसबर्ग से पानी लाने जैसे अनोखे विचारों के लिए जाना जाता है।