नक्सल प्रभावित जिलों में विकास को मिलेगी रफ्तार, बनी ‘जिला निर्माण समिति’

छत्तीसगढ़ सरकार ने नक्सल प्रभावित जिलों में पारदर्शी और गुणवत्तापूर्ण निर्माण कार्य सुनिश्चित करने के लिए एक बड़ा कदम उठाया है। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में सरकार ने सुकमा, बीजापुर और नारायणपुर में ‘जिला निर्माण समिति’ के गठन की स्वीकृति प्रदान की है।

मुख्यमंत्री साय ने साफ कर दिया है कि भ्रष्टाचार किसी भी स्तर पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में जनता के पैसों से हो रहे निर्माण कार्यों में पारदर्शिता और गुणवत्ता सर्वोच्च प्राथमिकता होगी।

कैसे काम करेगी जिला निर्माण समिति?

➡️ समिति की अध्यक्षता जिला कलेक्टर करेंगे।
➡️ पुलिस अधीक्षक, जिला पंचायत सीईओ, लोक निर्माण विभाग के कार्यपालन यंत्री सहित अन्य अधिकारी समिति के सदस्य होंगे।
➡️ 10 करोड़ तक के निर्माण कार्यों की स्वीकृति समिति द्वारा दी जाएगी।
➡️ यदि तीन बार ऑनलाइन टेंडर के बावजूद कोई ठेकेदार नहीं मिलता, तो समिति स्वयं निर्माण कार्य करवाएगी।
➡️ नक्सल प्रभावित ब्लॉकों में ही प्राथमिकता से यह व्यवस्था लागू होगी।

निर्माण कार्यों में पारदर्शिता और गुणवत्ता पर जोर

✅ ई-टेंडर प्रक्रिया के तहत ही कार्यों का आवंटन होगा।
✅ किसी भी परियोजना को सुविधानुसार भागों में विभाजित किया जा सकेगा, लेकिन गुणवत्ता और लागत संतुलन सुनिश्चित रहेगा।
✅ दरों की जांच के लिए औचित्य विश्लेषण किया जाएगा, जिसमें श्रम, सामग्री और माल ढुलाई की वास्तविक लागत को ध्यान में रखा जाएगा।

भ्रष्टाचार पर लगेगा अंकुश, विकास कार्यों को मिलेगी गति

इस पहल के माध्यम से न केवल प्रशासनिक दक्षता बढ़ेगी, बल्कि नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में विकास कार्यों को गति मिलेगी। साथ ही, यह भ्रष्टाचार पर भी प्रभावी रोकथाम सुनिश्चित करेगी। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की यह रणनीति राज्य में पारदर्शी शासन और विश्वास बहाली की दिशा में एक मजबूत कदम है।

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