अल्लाह तआला – एक परिचय

इस्लाम धर्म में अल्लाह तआला को सर्वशक्तिमान और सृष्टि के निर्माता के रूप में माना जाता है। कुरआन मजीद के माध्यम से हमें यह संदेश मिलता है कि अल्लाह तआला एक है और उसी की इबादत की जानी चाहिए। उसकी सत्ता में कोई भागीदार नहीं है, न ही उसकी कोई संतान है और न ही वह किसी की संतान है।

अल्लाह तआला ने ही आकाशों और धरती को बनाया और वह हमेशा से है और हमेशा रहेगा। उसे न नींद आती है, न कोई थकान होती है। जो कुछ इस सृष्टि में मौजूद है, वह सब उसी की रचना है। कोई भी उसकी अनुमति के बिना उसके सामने सिफारिश नहीं कर सकता। वह अतीत, वर्तमान और भविष्य—सब कुछ जानता है।

अल्लाह की शक्ति और कृपा

अल्लाह ही जीवन देता है और वही मृत्यु देता है। क़यामत के दिन वही सबको दोबारा जीवित करेगा। उसकी मर्जी के बिना कोई भी कार्य संभव नहीं है। वह हर समय हमारे साथ होता है और हमारे दिलों के हाल से भी परिचित है।

अल्लाह ही सबको आजीविका प्रदान करता है। वह जिसे चाहे कम देता है और जिसे चाहे बेइंतहा देता है। उसकी इच्छा के बिना किसी को कुछ भी प्राप्त नहीं हो सकता। वह जिसे चाहे सत्ता और इज्ज़त देता है, और जिसे चाहे अपमानित कर सकता है। दुनिया की सभी भलाई और बुराई उसी के अधीन हैं।

सृष्टि और मनुष्य का उद्देश्य

अल्लाह ने आकाश, सूर्य, चंद्रमा, तारे, नदियाँ और धरती को इंसानों की सेवा में लगा दिया है। उसने इंसानों को सुंदर रूप दिया और उन्हें इस संसार में भेजा ताकि वे उसकी इबादत करें और उसके प्रति कृतज्ञ रहें।

अल्लाह ने मार्गदर्शन के लिए अपने अंतिम नबी हज़रत मुहम्मद (सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम) को भेजा और उन पर कुरआन मजीद अवतरित किया। यह कुरआन मनुष्यों के लिए मार्गदर्शक है, जिसे पढ़ना और उस पर अमल करना हर मुसलमान का कर्तव्य है।

निष्कर्ष

इस्लाम में अल्लाह तआला की एकता और सर्वशक्तिमान होने का संदेश दिया गया है। इंसान का उद्देश्य उसकी इबादत और उसके आदेशों का पालन करना है। हमें कुरआन मजीद को पढ़ते रहना चाहिए और दूसरों को भी इस मार्गदर्शन की जानकारी देनी चाहिए।

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