कटघोरा: वन विभाग की सख्ती के बावजूद, वन परिक्षेत्र पासान में अवैध कटाई और परिवहन में पकड़े गए चार वाहन रहस्यमयी तरीके से छूट गए! अक्टूबर, नवंबर और दिसंबर 2021 में जब्त इन वाहनों को तत्कालीन मुख्य वन संरक्षक (CCF) राजेश चंदेले, वनमंडलाधिकारी (DFO) शमा फारुकी और IFS प्रेम लता यादव के निर्देश पर राजसात किया जाना तय था, लेकिन अधिकारियों के तबादले के बाद न केवल इन वाहनों को छोड़ दिया गया, बल्कि पूरी प्रक्रिया पर भी पर्दा डाल दिया गया।

अब नए CCF प्रभात मिश्रा और DFO कुमार निशांत की भूमिका पर सवाल खड़े हो रहे हैं। क्या यह एक सुनियोजित मिलीभगत है, या फिर नियमों की अनदेखी का मामला?
क्या था पूरा मामला?
वन विभाग की टीम ने 2021 में चार वाहनों को अवैध लकड़ी और रेत के परिवहन में पकड़कर जब्त किया था। मामला इतना गंभीर था कि तत्कालीन अधिकारियों ने स्पष्ट निर्देश दिए थे कि ये वाहन किसी भी कीमत पर नहीं छूटेंगे और इन्हें राजसात कर लिया जाएगा।
जब्त किए गए वाहनों का विवरण:
- अपराधी: सुरेश कुमार अमरजीत पाले, पसान, जिला कोरबा
- वाहन: सोल्ड
- वन उपज: रेत (2.5 घन मीटर)
- P.O.R. नंबर: 17265/02 (दिनांक 6/12/2021)
- अपराधी: दूधनाथ जायसवाल, कुम्हारीसानी, पसान, जिला कोरबा
- वाहन: CG 12AY 8022
- वन उपज: सेमल (13 नग, 3.582 घन मीटर)
- P.O.R. नंबर: 172641/02 (दिनांक 26/11/2021)
- अपराधी: राम खिलावन पटेल, पतगवा, पेंड्रा, जिला जीपीएम
- वन उपज: जामुन (13 नग, 3.719 घन मीटर)
- P.O.R. नंबर: 14825/23 (दिनांक 24/10/2021)
- अपराधी: भंवर सिंह पावले, पिता – मालिक राम पाले, कुम्मीखार, तिलोरा, जिला गौरेला पेंड्रा मरवाही
- वाहन: CG 10AP 2343
- वन उपज: सेमल गोईजा (3.421 घन मीटर)
- P.O.R. नंबर: 14863/25 (दिनांक 3/12/2021)
जब्त वाहन आखिर कैसे छूट गए?
तत्कालीन CCF राजेश चंदेले और DFO शमा फारुकी व प्रेम लता यादव ने स्पष्ट किया था कि इन वाहनों को किसी भी कीमत पर नहीं छोड़ा जाएगा। लेकिन उनके तबादले के बाद, जब नए CCF प्रभात मिश्रा, DFO कुमार निशांत और SDO संजय त्रिपाठी आए, तो छह महीने के भीतर सभी वाहन छोड़ दिए गए।


सवाल उठाता है वन विभाग की कार्यप्रणाली पर!
- अगर वाहन छोड़ने का कोई वैध कारण था, तो इसकी सूचना विभागीय अपीलीय अधिकारियों (CCF और जिला सत्र न्यायाधीश) को क्यों नहीं दी गई ?
- राजसात की प्रक्रिया को क्यों रोका गया, और इसकी जानकारी सार्वजनिक क्यों नहीं की गई ?
- क्या यह एक संगठित साजिश थी, जिसके तहत वन माफियाओं को फायदा पहुंचाया गया ?
अब CCF प्रभात मिश्रा के संज्ञान में आएगा मामला ?
CCF प्रभात मिश्रा को तेज-तर्रार अधिकारी माना जाता है। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या वे इस मामले में स्वसंज्ञान लेकर निष्पक्ष जांच करवाएंगे, या फिर यह फाइल भी दबा दी जाएगी?