(रिपोर्ट: लोचन चीहान)
महासमुंद। वन विभाग महासमुंद परिक्षेत्र में बड़े पैमाने पर वित्तीय अनियमितताओं के आरोप सामने आए हैं। सरकारी धन का दुरुपयोग कर बिना कार्य किए लाखों रुपये की निकासी की गई है। महीनों पहले इस मामले की शिकायत वन विभाग के उच्च अधिकारियों को की गई थी, लेकिन अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई है।
इन अनियमितताओं का मामला:
- आवासीय भवन निर्माण के लिए स्वीकृत ₹7.65 लाख की राशि बिना निर्माण कार्य के ही निकाल ली गई।
- एक कार्य के लिए स्वीकृत ₹4.38 लाख की राशि के बावजूद तीन बार नकली बिल लगाकर अतिरिक्त धनराशि निकाली गई।
- ₹22.65 लाख की लागत से बन रही WBM सड़क में घटिया सामग्री का उपयोग किया गया साथ ही निर्धारित नॉर्म्स के विरुद्ध निर्माण किया गया है, जिससे सरकार को बड़ा आर्थिक नुकसान हुआ।
वन विभाग की निष्क्रियता पर उठ रहे सवाल:
सूत्रों के अनुसार, इन मामलों की शिकायत संबंधित विभाग के प्रदेश मुखिया PCCF से की गई थी, लेकिन जांच केवल कागजी कार्यवाही तक ही सीमित रह गई है। शिकायतकर्ता का आरोप है कि वन विभाग के अधिकारी फाइलों को जांच के नाम पर धरे बैठे हैं और दोषियों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई है, जबकि इसी बीच दोषी रेंजर सेवानिवृत्त हो गए हैं।
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ACB/EOW में शिकायत की तैयारी:
वन विभाग की इस निष्क्रियता से परेशान होकर अब शिकायतकर्ता ने एंटी करप्शन ब्यूरो (ACB) और आर्थिक अपराध अन्वेषण प्रकोष्ठ (EOW) को शिकायत भेजने की तैयारी कर ली है। शिकायत में इन वित्तीय अनियमितताओं की गहन जांच कर दोषियों के विरुद्ध प्राथमिकी (FIR) दर्ज करने की मांग की गई है।
जनता की उम्मीदें न्याय की ओर:
इस मामले ने स्थानीय जनता के बीच भी आक्रोश उत्पन्न कर दिया है। लोगों का कहना है कि सरकारी धन की ऐसी लूट पर तत्काल कार्रवाई होनी चाहिए। अब देखना यह होगा कि ACB/EOW इस मामले में क्या कदम उठाता है।