नई दिल्ली: आगामी दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 के मद्देनजर कांग्रेस ने आज अपना घोषणापत्र जारी किया। पार्टी ने राजधानी के मतदाताओं को लुभाने के लिए कई बड़े वादे किए हैं। इनमें जाति आधारित जनगणना कराने और पूर्वांचलियों के लिए एक अलग मंत्रालय की स्थापना प्रमुख है। घोषणापत्र जारी करने के मौके पर कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष और वरिष्ठ नेताओं ने इसे “दिल्ली के समावेशी विकास का रोडमैप” करार दिया।
मुख्य घोषणाएं:
- जाति आधारित जनगणना:
कांग्रेस ने दिल्ली में जातिगत आधार पर जनगणना कराने का वादा किया है। पार्टी का दावा है कि इससे समाज के वंचित और पिछड़े वर्गों को योजनाओं का लाभ देने में मदद मिलेगी। - पूर्वांचल मंत्रालय की स्थापना:
राजधानी में बड़ी संख्या में पूर्वांचल से आने वाले लोगों की समस्याओं के समाधान के लिए कांग्रेस ने “पूर्वांचल विकास मंत्रालय” स्थापित करने का वादा किया है। यह मंत्रालय पूर्वांचलवासियों की शिक्षा, रोजगार और सांस्कृतिक कार्यक्रमों को बढ़ावा देने पर काम करेगा। - महिलाओं के लिए विशेष योजनाएं:
- सरकारी नौकरियों में महिलाओं के लिए 33% आरक्षण।
- महिलाओं के लिए मुफ्त सार्वजनिक परिवहन।
- युवा और रोजगार:
- हर वार्ड में स्किल डेवलपमेंट सेंटर खोलने का वादा।
- स्थानीय व्यवसायों को बढ़ावा देने के लिए आसान लोन।
- स्वास्थ्य और शिक्षा:
- सभी सरकारी स्कूलों में स्मार्ट क्लासरूम।
- मोहल्ला क्लीनिकों की संख्या बढ़ाने की योजना।
नेताओं के बयान:
घोषणापत्र जारी करते हुए कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष ने कहा, “हम जातिगत भेदभाव को समाप्त कर एक समतामूलक समाज की स्थापना करना चाहते हैं। पूर्वांचलियों के लिए अलग मंत्रालय बनाना उनकी भागीदारी सुनिश्चित करने की दिशा में एक बड़ा कदम होगा।”
राजनीतिक प्रतिक्रिया:
भाजपा ने कांग्रेस के घोषणापत्र को “झूठ का पुलिंदा” करार दिया है और कहा है कि जाति जनगणना जैसे मुद्दों से जनता को भ्रमित करने की कोशिश की जा रही है। आम आदमी पार्टी (AAP) ने इसे कांग्रेस की “मजबूरी की राजनीति” बताया है।
विशेषज्ञों की राय:
राजनीतिक विशेषज्ञों का मानना है कि जातिगत जनगणना और पूर्वांचल मंत्रालय की घोषणा कांग्रेस के लिए गेम चेंजर साबित हो सकती है, क्योंकि दिल्ली में बड़ी संख्या में पूर्वांचल से आए मतदाता हैं।
निष्कर्ष:
दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 में कांग्रेस का घोषणापत्र एक बड़ी रणनीतिक पहल के रूप में देखा जा रहा है। अब देखना होगा कि जनता इस घोषणापत्र को कितना समर्थन देती है और क्या यह पार्टी की स्थिति मजबूत कर पाएगा।