इन्हें बस नशा चाहिए, बदले में इनका जिस्म कोई भी किसी तरह इस्तेमाल कर ले.. रुह कांप उठती है इस युवती की सच्चाई सुनकर

मोगा जिले के कोट ईसे खां कस्बे में नशे और जिस्मफरोशी का चौंकाने वाला मामला सामने आया है। यहां एक 17 वर्षीय किशोरी ने अपनी आपबीती सुनाकर समाज के नशे के प्रति बढ़ते अपराध और प्रशासनिक विफलताओं पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।

यह मामला तब उजागर हुआ जब नशा विरोधी कमेटी द्वारा निकाले गए मार्च के दौरान एक युवती बेहद खराब हालत में सड़क किनारे बैठी दिखाई दी।

किशोरी का खुलासा: नशे की लत और जिस्मफरोशी में धकेला गया

किशोरी ने खुलासा किया कि दो साल पहले एक महिला, मनजीत कौर ने उसे नशे की लत लगाई और बाद में उसे जिस्मफरोशी के धंधे में धकेल दिया। किशोरी ने बताया कि वह नशे के लिए किसी भी हद तक जाने को मजबूर है। वह कहती है, “मुझे बस नशे के लिए छह कैप्सूल चाहिए, उसके बाद कोई मेरे साथ कुछ भी करे, मुझे फर्क नहीं पड़ता।”

किशोरी ने बताया कि वह अकेली नहीं है, बल्कि मनजीत कौर कई और युवतियों को भी हवस के भूखे भेड़ियों के सामने परोसती है। हर बार सौदा करने पर केवल 300 रुपये मिलते हैं, जिसमें से 150 रुपये उसे मिलते हैं। पहले उसकी कमाई छह से सात सौ रुपये तक होती थी, लेकिन अब यह रकम केवल नशे की जरूरतों को पूरा करने तक सीमित है।

अनाज मंडी में लगती है जिस्म की बोली

किशोरी ने एक और हैरान करने वाला खुलासा किया कि कस्बे की अनाज मंडी में कुछ तंबुओं में युवतियों को नशा करवा कर उनके जिस्म की बोली लगाई जाती है। इन तंबुओं में लड़कियों का शोषण किया जाता है, जबकि उनकी मजबूरी और नशे की लत का फायदा उठाया जाता है।

सरकारी अस्पताल के पास बिकता है नशे का सामान

किशोरी ने बताया कि जब उसे नशे के लिए कैप्सूल नहीं मिलते, तो वह ‘बुपरीमार्फिन’ नामक दवा का इंजेक्शन लगाती है। यह दवा सरकारी अस्पताल के पास के मेडिकल स्टोर पर 50 से 80 रुपये में आसानी से मिल जाती है। उसने यह इंजेक्शन लगाना भी मनजीत कौर से ही सीखा था।

परिवार की हालत और नशे से छुटकारा पाने की इच्छा

किशोरी के अनुसार, उसके परिवार की स्थिति भी खराब है। पिता की मौत हो चुकी है और उसका भाई भी नशे की लत में फंसा हुआ है। घर चलाने की मजबूरी ने उसे इस दलदल में और गहरा धकेल दिया। हालांकि, किशोरी ने कहा कि वह अपने भाई के साथ नशे की आदत छोड़ना चाहती है।

नशा विरोधी कमेटी की पहल और पुलिस का वादा

नशा विरोधी कमेटी के अध्यक्ष सुखदीप सिंह ने किशोरी की स्थिति देखकर उसे घर पहुंचाया और बाद में थाने ले जाकर मामला दर्ज करवाया। पुलिस ने भरोसा दिलाया है कि नशे और जिस्मफरोशी के इस नेटवर्क पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। किशोरी को जनेर गांव के नशा मुक्ति केंद्र में भर्ती कराया गया है।

प्रशासन और पुलिस की विफलता पर सवाल

इस घटना के बाद प्रशासन और पुलिस पर सवाल उठने शुरू हो गए हैं। डिप्टी कमिश्नर द्वारा प्रतिबंध लगाए जाने के बावजूद जिले में नशे के लिए इस्तेमाल होने वाले कैप्सूल खुलेआम बिक रहे हैं। कोट ईसे खां जैसे छोटे कस्बे में जिस्मफरोशी का धंधा होना पुलिस और खुफिया तंत्र की नाकामी को दर्शाता है।

यह घटना समाज और प्रशासन दोनों के लिए एक चेतावनी है। नशे और जिस्मफरोशी का यह गहरा जाल न केवल युवाओं को बर्बाद कर रहा है, बल्कि समाज के नैतिक ताने-बाने को भी छिन्न-भिन्न कर रहा है।

 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Recent Post

Live Cricket Update

You May Like This

4th piller को सपोर्ट करने के लिए आप Gpay - 7587428786

× How can I help you?