रायपुर। छत्तीसगढ़ शासन के नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग ने गंभीर अनियमितताओं के आरोप में दो मुख्य नगर पालिका अधिकारियों (CMO) को सस्पेंड कर दिया है। ये कार्रवाई प्रदेश के अलग-अलग जिलों के सीएमओ टामसन रात्रे और कन्हैया लाल निर्मलकर के खिलाफ की गई है।
बिना अनुमति 50 लाख की दवाइयों की खरीदी
नगर पालिका परिषद महासमुंद में पदस्थ रहते हुए टामसन रात्रे ने मुख्यमंत्री स्लम स्वास्थ्य योजना के तहत बिना स्वीकृति के 50 लाख रुपये की दवाइयां खरीदीं। जांच में उनके खिलाफ गंभीर वित्तीय अनियमितता पाई गई।
वर्तमान में टामसन रात्रे राजस्व अधिकारी नगर निगम रायपुर के पद पर कार्यरत थे। उनके खिलाफ छत्तीसगढ़ राज्य नगर पालिका (कार्यपालन/ यांत्रिकी/ स्वास्थ्य) सेवा, भर्ती तथा सेवा की शर्तें नियम 2017 के नियम 33 के तहत कार्रवाई की गई। निलंबन के दौरान उनका मुख्यालय संयुक्त संचालक नगरीय प्रशासन एवं विकास, क्षेत्रीय कार्यालय रायपुर रहेगा।
रेनोवेशन कार्य में अनियमितता
दूसरा मामला पेंड्रा गौरेला मरवाही जिले का है। नगर पालिका परिषद पेंड्रा में पदस्थापना के दौरान कन्हैया लाल निर्मलकर ने डीएमएफ (जिला खनिज निधि) से प्राप्त राशि का दुरुपयोग किया।
उन पर शासकीय बहुउद्देशीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय और शासकीय शारीरिक प्रशिक्षण महाविद्यालय पेंड्रा के रेनोवेशन कार्य के लिए 6,24,511 रुपये की अनियमितता का आरोप है। तकनीकी स्वीकृति के बिना और जांच समिति की रिपोर्ट के उपरांत भी कार्य कराया गया। प्रारंभिक जांच में उन्हें दोषी पाया गया।
कन्हैया लाल निर्मलकर वर्तमान में नगर पालिका परिषद रतनपुर के प्रभारी सीएमओ के रूप में कार्यरत थे। जारी आदेश के अनुसार निलंबन के दौरान उनका मुख्यालय संयुक्त संचालक नगरीय प्रशासन एवं विकास, क्षेत्रीय कार्यालय बिलासपुर रहेगा।