Maharashtra Assembly Election 2024: महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव 2024 में भाजपा नेतृत्व वाली महायुति ने प्रचंड बहुमत के साथ ऐतिहासिक जीत दर्ज की है. विकास, महिलाओं के लिए योजनाओं और “एक है तो सेफ है” के नारे पर आधारित महायुति की जीत ने महा विकास अघाड़ी (एमवीए) को करारी शिकस्त दी. अब मुख्य मुद्दा यह है कि महाराष्ट्र का अगला मुख्यमंत्री कौन होगा? भाजपा के देवेंद्र फडणवीस और शिवसेना के एकनाथ शिंदे इस रेस में सबसे आगे हैं, लेकिन कुछ अन्य नाम भी चर्चा में हैं.
महायुति ने 288 सीटों में से 234 पर कब्जा जमाया, जबकि एमवीए महज 50 सीटों पर सिमट गई. शरद पवार की एनसीपी को अब तक का सबसे बड़ा झटका लगा, जो 86 सीटों पर चुनाव लड़कर केवल 10 पर जीत सकी. इस भारी बहुमत के बाद, महायुति के खेमे में जश्न का माहौल है.
देवेंद्र फडणवीस: भाजपा के मजबूत दावेदार
भाजपा ने इस चुनाव में सबसे ज्यादा सीटें जीती हैं, जिससे देवेंद्र फडणवीस के मुख्यमंत्री बनने की संभावनाएं प्रबल हो गई हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चुनाव परिणाम के बाद फडणवीस को “परम मित्र” कहकर संबोधित किया, जिससे उनके प्रति पार्टी के शीर्ष नेतृत्व का समर्थन स्पष्ट होता है.
फडणवीस की मां और उनकी पत्नी भी उन्हें मुख्यमंत्री पद के लिए पसंदीदा बता चुकी हैं. पार्टी के कई वरिष्ठ नेताओं ने भी उनकी दावेदारी का समर्थन किया है. हालांकि, फडणवीस ने खुद इस मुद्दे पर फिलहाल कोई टिप्पणी नहीं की है और कहा है कि तीनों दल मिलकर इस पर फैसला लेंगे.
एकनाथ शिंदे: शिवसेना का नेतृत्व और प्रभाव
शिवसेना नेता एकनाथ शिंदे ने चुनाव में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है. उन्होंने खुद को बालासाहेब ठाकरे की विरासत का सच्चा वाहक बताते हुए आम जनता के मुद्दों को केंद्र में रखा. शिवसेना के विधायक और प्रवक्ता संजय शिरसाट ने शिंदे को मुख्यमंत्री बनाए जाने की वकालत की है, खासकर उनके चुनाव अभियान में योगदान को देखते हुए.
शिंदे ने हालांकि मुख्यमंत्री पद को लेकर कोई ठोस बयान नहीं दिया, लेकिन उन्होंने यह जरूर कहा कि चुनावी नतीजे यह दिखाते हैं कि जनता ने किसे सही माना है.
अजित पवार: एनसीपी का किंगमेकर दावा
एनसीपी नेता अजित पवार ने मुख्यमंत्री पद को लेकर खुलकर कुछ नहीं कहा, लेकिन उनके सहयोगी अमोल मिटकारी ने अजित पवार का नाम आगे बढ़ाया है. मिटकारी ने एनसीपी को “किंगमेकर” बताते हुए कहा था कि उनकी पार्टी किसी भी गठबंधन में निर्णायक भूमिका निभाएगी. हालांकि, महायुति की एकतरफा जीत ने एनसीपी के प्रभाव को सीमित कर दिया है.
कौन बनेगा मुख्यमंत्री?
महायुति की भारी जीत के बाद मुख्यमंत्री पद पर फैसला आसान नहीं है. तीनों पार्टियों—भाजपा, शिवसेना और अजित पवार की एनसीपी—के नेताओं के बीच बातचीत जारी है. फडणवीस और शिंदे दोनों मजबूत दावेदार हैं, लेकिन सत्ता संतुलन बनाए रखने के लिए भाजपा को अन्य दलों के सहयोग को ध्यान में रखना होगा.
महाराष्ट्र की राजनीति में मुख्यमंत्री का चयन केवल एक नाम तक सीमित नहीं है, बल्कि यह गठबंधन की स्थिरता और भविष्य की रणनीतियों का आधार होगा. अगले कुछ दिनों में यह तय होगा कि महायुति की जीत के बाद महाराष्ट्र को कौन-सा चेहरा नेतृत्व देगा.
महायुति की यह जीत न सिर्फ भाजपा, बल्कि पूरे गठबंधन के लिए एक बड़ी उपलब्धि है. अब यह देखना होगा कि गठबंधन अपने साझा विजन को किस तरह लागू करता है और महाराष्ट्र को नई ऊंचाइयों पर ले जाता है.