22 मिलरों पर 46 करोड़ रुपये के चावल की देनदारी, भुगतान न करने पर बढ़ा दबाव

रायपुर। जिले में 22 राइस मिलर्स पिछले साल काटे गए चावल को जमा नहीं कर पाए हैं। मिलर्स ने पिछले साल का धान तो जमा कर लिया था, लेकिन अभी तक 1,005 टन चावल नागरिक आपूर्ति निगम और एफसीआई के गोदामों में जमा नहीं कराया है, जिसकी बाजार में कीमत 42 करोड़ 4 लाख रुपए आंकी गई है। इनमें तीन मिल उसना चावल का प्रसंस्करण कर रही हैं, जबकि शेष 15 मिल अरवा चावल का प्रसंस्करण कर रही हैं। गौरतलब है कि यह धान वर्ष 2022 में काटा गया था। प्रशासन ने अब इन मिलर्स को नोटिस जारी किया है और कलेक्टर ने चावल जमा कराने की अंतिम समय सीमा 28 अक्टूबर तय की है।

चावल वापस नहीं करने पर काट दी जाएगा बिजली कनेक्शन

बता दें कि, चावल वापस नहीं करने पर बिजली कनेक्शन काट दिया जाएगा। इसके बाद जमानत राशि जब्त कर ली जाएगी। वहीं चावल जमा करने की समय सीमा पहले ही तीन बार बढ़ाई जा चुकी है। इसके बावजूद मिलर्स चावल जमा नहीं कर रहे हैं। कस्टम मिल्ड चावल समय पर जमा नहीं करने पर खाद्य विभाग ने मिलर्स के खिलाफ कार्रवाई शुरू कर दी है। इस साल चावल जमा करने के लिए सिर्फ दस दिन बचे हैं, फिर भी जिले में वर्ष 2024-25 के लिए 2 लाख 66 हजार मीट्रिक टन चावल जमा नहीं हो पाया है। इस साल 17 लाख मीट्रिक टन से ज्यादा धान की खरीद हुई है।

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