Dussehra: एक का अपहरण, दूसरी की हत्या! अपनी पत्नियों के साथ कैसा था लंकाधिपति रावण का रिश्ता?

Dussehra: जीत के प्रतीक के रूप में मनाया जाने वाला त्यौहार दशहरा बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है. सत्य युग में श्री राम ने लंकाधिपति रावण का वध कर अपनी पत्नी सीता को उसके चंकुल से आजाद किया था. रावण एक महान विद्वान और भगवान शिव का भक्त था. अपनी शक्ति पर उसके अभिमान ने उसे विनाश की ओर धकेल दिया. आश्विन महीने के कृष्ण पक्ष की 10वीं तारीख को राम ने रावण का वध किया था. हर साल बुराई पर अच्छाई की जीत का जश्न मनाने के लिए रावण, कुंभकरण और मेघनाद के पुतले जलाए जाते हैं.

वैसे तो पौराणिक कथाओं में रामायण के बारे में कई बातें लिखी गई है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि दशानन की तीन पत्नियाँ थीं और कहा जाता है कि उसने अपनी तीसरी पत्नी की हत्या भी खुद कर दी थी? तो आइए जानते हैं रावण की पत्नियों के बारे में एक दिलचस्प कहानी.

कितनी थी रावण की पत्नियां?

भगवान राम की पत्नी सीता की खूबसूरती पर रावण मोहित हो गया था. जब लक्ष्मण ने रावण की बहन सूर्पनखा की नाक काटी, तो वह बदला लेने के लिए अपने भाई के पास भागी और सीता की बेजोड़ खूबसूरती के बारे में रावण से कहा. अपनी बहन की बात सुनकर रावण एक गरीब भिक्षुक के वेश में राम और सीता की कुटिया में आया और सीता को पकड़ लिया. जब रावण सीता को लंका ले गया, तो उसकी पत्नी मंदोदरी ने इसका विरोध किया. उसने अपने पति से सीता को छोड़ने का आग्रह भी किया, लेकिन रावण ने उसकी बात नहीं मानी.

रावण ने किया अपनी पहली पत्नी मंदोदरी का अपहरण

रावण की पत्नियों की बात करें, तो लंकाधिपति ने राक्षस राजा मायासुर की बेटी मंदोदरी से विवाह रचाया था. मंदोदरी के पतिव्रत धर्म की वजह से अक्स उनकी तुलना देवी अहिल्या से की जाती है. रावण और मंदोदरी के पांच बेटे थे, जिसमें इंद्रजीत, मेघनाद, महोदर, प्रहस्त, विरुपाक्ष भीकम शामिल है. कहा जाता है की रावण ने वास्तव में मंदोदरी का अपहरण किया था. पौराणिक कथाओं के अनुसार, एक बार रावण मायासुर से मिलने गया और मंदोदरी की सुंदरता देख मोहित हो गया. मंदोदरी की सुंदरता से मोहित होकर रावण ने उससे विवाह करने का फैसला किया और उसके पिता मायासुर से उसका हाथ मांगा.

राक्षसों के राजा मायासुर ने रावण से अपनी बेटी के विवाह का प्रस्ताव अस्वीकार कर दिया जिसके बाद रावण ने मंदोदरी का अपहरण कर लिया. मंदोदरी एक विद्वान भी थी, वह समझ गई कि रावण के पास उसके पिता से कहीं अधिक शक्ति है और अपने परिवार को बचाने के लिए, उसने अपना शेष जीवन लंकाधिपति के साथ बिताने का फैसला किया.

कौन थीं रावण की दो और पत्नियां

मंदोदरी के अलावा, रावण की दो पत्नियां और थीं. उनमें से एक का नाम धन्यमालिनी था, जिससे लंकाधिपति के दो बेटे हुए, अतिक्य और त्रिशिरार. दिलचस्प बात यह है कि यह भी कहा जाता है कि रावण ने अपनी तीसरी पत्नी की हत्या कर दी थी. हालाँकि उसका नाम अभी तक ज्ञात नहीं है, लेकिन अपनी तीसरी पत्नी से रावण के तीन बेटे थे, प्रहस्त, नरान्तक और देवताक.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Recent Post

Live Cricket Update

You May Like This

4th piller को सपोर्ट करने के लिए आप Gpay - 7587428786

× How can I help you?