Breaking : फंडिंग मामले में छत्तीसगढ़ मुक्ति मोर्चा के सदस्य कलादास डहरिया के घर NIA ने मारा छापा

दुर्ग। छत्तीसगढ़ में एक बार फिर राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने छापेमारी की है. इस बार एनआईए ने भिलाई में छत्तीसगढ़ मुक्ति मोर्चा सांस्कृतिक मंच के सदस्य कलादास डहरिया के लेबर कैम्प जामुल स्थित निवास पर छापा मारा और उनके घर की तलाशी ली. टीम ने लैपटॉप, पेन ड्राइव सहित अन्य सामग्री को जब्त कर लिया है. इस दौरान एनआईए की टीम डहरिया से कई सवाल पूछे हैं इसके बाद टीम रवाना हो गई. बता दें कि कालादास रेला NGO के संचालक हैं. यह संस्था 1990 से चल रही है. रेला किसान आदिवासी और मजदूरों के संगठन का काम करती है. इसके लिए NGO को देश भर से फंडिंग हो रही है. कलादास छत्तीसगढ़ मुक्ति मोर्चा सक्रिय सदस्य भी हैं.

मिली जानकारी के अनुसार कलादास डहरिया पर देश और सरकार विरोधी गतिविधीयों पर शामिल होने के संदेह पर आज तड़के 5 बजे से सुबह 9 बजे तक NIA की टीम ने उनके जामुल स्थित निवास में छापा मार कार्रवाई की. हालांकि NIA की तरफ से इसकी पुष्टि नहीं की गई है. NIA की टीम कलादास की बेटी का खराब लैपटॉप, पेन ड्राइव और मोबाइल फोन जब्त करके ले गई है. कलादास डहरिया रेला नाम का जनवादी सांस्कृतिक संगठन (NGO) चलाते हैं. जो देश भर में सरकार की गलत नीतियों के खिलाफ आवाज बुलंद करती है. ये NGO किसान, आदिवासी और मजदूरों के संगठन के लिए काम करता है. इसके लिए इसे देश भर से फंडिंग होती है.

कलादास के पड़ोसियों ने बताया कि सुबह 6 बजे अन्य राज्य से बाहर की 4 गाड़ियों में भरकर कुछ आए लोगों ने छापेमारी की. इस दौरान आसपास के घरों से भी लोगों के आने-जाने पर रोक लगा दी गई. वहीं कार्रवाई समाप्त कर वे सभी चले गए. इस दौरान कलादास से कुछ पेपर में साइन भी लिया गया.

इस छापेमारी को लेकर कलादास डहरिया ने बताया कि मजदूरों के न्यूनतम वेतन को लेकर कुछ दिन पहले हमने राष्ट्रपति और सरकार को चिट्ठी लिखा था. राष्ट्रपति को चिट्ठी लिखने के बाद ये सारे प्रक्रियाएं सामने आई है. कलादास के अनुसार एनआईए की टीम ने उनसे नक्सलियों से संपर्क होने जैसे सवाल भी पूछे. जबकि वह एक कलाकार हैं और इसलिए उनके पास कई लोगों के नंबर हैं. कलादास का आरोप है कि वे अपने संस्कृतिक मंच के माध्यम से सरकार की गलत नीतियों का विरोध करते हैं जिसे सरकार बर्दाश्त नहीं कर पा रही है. मैंने पूछा था कि क्या औद्योगिक क्षेत्र में जांच कर पाएंगे कि मजदूरों का जीवन कैसे चल रहा है.

डहरिया ने बताया कि 1 अगस्त को उन्हें एनआईए ने रांची बुलाया है. उन्होंने आशंका जताई है कि सरकार मेरा एनकाउंटर भी करवा सकती है. रेल संस्था को लेकर जानकारी देते हुए उन्होंने बताया कि रेला हमारा सांस्कृतिक काम है.

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