रायपुर। नक्सल प्रभावित इलाकों में काम कर रहे पुलिस कर्मियों के लिए नीति बनाई जा रही है. जल्द ही नीति सबके सामने होगी. नीति आने के बाद किसी भी कर्मचारी को नेता-मंत्रियों के दरवाजे पर स्थानांतरण के लिए चक्कर नही काटने पड़ेंगे. यह बात गृह मंत्री विजय शर्मा ने नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में लंबे समय से नक्सल प्रभावित क्षेत्र में काम कर रहे पुलिस कर्मियों के ट्रांसफर को लेकर कही.
कांग्रेस विधायक सावित्री मंडावी ने कहा कुछ कर्मचारी 2 या 3 साल में नक्सल इलाकों से अपना ट्रांसफर करा लेते हैं, लेकिन कुछ 10 सालों से भी ज्यादा समय से वहीं नौकरी कर रहे हैं. उनके लिए भी अन्य जिलों में ट्रांसफर की नीति होनी चाहिए. उन्होंने सवाल किया कि नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में पुलिस कर्मियों की मैदानी इलाकों में पदस्थापना का क्या प्रावधान है?, पदस्थापना के लिए विभाग के क्या दिशा-निर्देश है?, कर्मचारियों के लिए दिशा-निर्देश कब तक जारी होंगे?, उनकी आवास की क्या व्यवस्था है?
गृह मंत्री विजय शर्मा ने जवाब में कहा कि ऐसे पद जो उप निरीक्षक से निरीक्षक के पद पर प्रमोट होते है, उनकी कम से कम 3 सालों तक के लिए नक्सल क्षेत्रों में पदस्थापना की जाती है, या जिन कर्मचारियों की उम्र 54 वर्ष से कम है, उनकी भी पदस्थापना का प्रावधान है. नक्सल इलाकों में 3 साल की नौकरी के बाद पुलिस कर्मियों की अन्य जिलों में पदस्थापना का प्रावधान है.
उन्होंने कहा कि नक्सल प्रभावित इलाकों में पुलिस कर्मियों की पदस्थापना का विभाग से दिशा-निर्देश जारी है. पुलिस विभाग में पदस्थ कर्मचारियों के लिए 18,355 आवास उपलब्ध है. 898 आवास निर्माण किए जा रहे हैं. बाकी के आवास 2024-25 के मुख्य बजट में प्रावधानित है. पिछले 5 सालों में आवास को लेकर काम नहीं किया गया. इसलिए हमको ज्यादा काम करना पड़ेगा.