रायपुर। पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने राष्ट्रपति को पत्र लिखकर बैगा जनजातियों की रक्षा के लिए हस्तक्षेप करने की मांग की है। बघेल ने लिखा है कि बड़े आहत मन से मैं आपका ध्यान छत्तीसगढ़ की संरक्षित अनुसूचित जनजाति, बैगा जनजाति जिन्हें महामहिम राष्ट्रपति का दत्तक पुत्र भी कहा जाता है। जिनको भारत के राष्ट्रपति द्वारा विशेष संरक्षण प्रदान किया गया है। छत्तीसगढ़ में इस बैगा जनजाति की दुर्दशा पर आपका ध्यान आकृष्ट करना चाहता हूँ।
चिंता का विषय है कि राज्य के कवर्धा जिले में बैगा जनजाति मलेरिया और डायरिया जैसी बीमारियों की चपेट में हैं, जिसके कारण सोनवाही गांव, ग्राम पंचायत-झलमला, पोस्ट-चिल्फी, तहसील-बोडला में 07 लोगों की मौतें हो गयी है। इसके अलावा ग्राम-बाहना, खोदरा एवं समीप के गांवों में भी कुछ लोगों की मौत की खबरे सामने आई हैं। दुर्भाग्यजनक है कि राज्य सरकार पीड़ितों के बचाव और ईलाज करवाने के बजाय मामले को दबाने और मौतों को नकारने में लगी है।
राज्य सरकार की अकर्मण्यता के कारण बैगा संरक्षित जनजाति के जीवन के ऊपर गंभीर खतरा मंडरा रहा है। मैं स्वंय प्रभावित क्षेत्रों में 13 जूलाई को गया था वहां पर मलेरिया से बचाव के लिये लोगों को मच्छरदानी तक राज्य सरकार उपलब्ध नहीं करवा पा रही है। लोग कुएं का दूषित पानी पी रहे है। जिससे पूरे क्षेत्र में डायरिया फैला हुआ है।