वाराणसी। सावन में श्री काशी विश्वनाथ धाम आने वाले श्रद्धालुओं की भारी भीड़ को देखते हुए मंदिर प्रशासन इस बार व्यवस्थाओं में कई बदलाव की तैयारी में है। ऑनलाइन दर्शन-पूजन और रुद्राभिषेक के साथ ही पूरे सावनभर झांकी दर्शन के इंतजाम रहेंगे। भीड़ का दबाव बढ़ने पर प्रमुख तिथियों पर स्पर्श दर्शन पर भी रोक रहेगी।
भगवान शिव के सबसे प्रिय मास सावन की शुरुआत 22 जुलाई से हो रही है। श्री काशी विश्वनाथ मंदिर में सावन में आने वाले शिवभक्तों के लिए खास इंतजाम किए जा रहे हैं। हेल्पडेस्क से लेकर प्रसाद, फूल, माला और दूध का इंतजाम भी धाम में ही रहेगा।
कतारबद्ध होने वाले भक्तों को प्रसाद लेने में दिक्कत नहीं होगी और भक्त धाम के अंदर से ही बाबा को अर्पित करने वाला दूध, जल और प्रसाद खरीद सकेंगे। इसके साथ ही वीआईपी व प्रोटोकॉल के दर्शन के लिए भी अलग से इंतजाम होंगे।
सावन के सोमवार, प्रदोष और शिवरात्रि की तिथियों पर भीड़ का दबाव अधिक होने के कारण स्पर्श दर्शन पर भी रोक रहेगी। सावन के पहले सोमवार को 18 प्रदेशों से आ रहे 50 हजार यादव बंधुओं के जलाभिषेक के लिए भी अलग से कार्ययोजना तैयार की जा रही है।
22 जुलाई से 19 अगस्त तक रहेगा सावन
22 जुलाई से सावन की शुरुआत होने वाली है। इसका समापन 19 अगस्त 2024 के दिन होगा। इस दौरान सावन का पहला सोमवार व्रत 22 जुलाई, दूसरा सोमवार व्रत 29 जुलाई, तीसरा 5 अगस्त, चौथा 12 अगस्त और पांचवां सोमवार व्रत 19 अगस्त को रखा जाएगा।
महीने भर होगी शिवमहापुराण की कथा
श्री काशी विश्वनाथ मंदिर न्यास के अध्यक्ष प्रो. नागेंद्र पांडेय ने बताया कि सावन के महीने में शिवमहापुराण की कथा का अनवरत पाठ होगा। इसके लिए भी तैयारियां की जा रही हैं। आम श्रद्धालु बाबा विश्वनाथ के दर्शन के साथ ही भगवान शिव की कथा का श्रवण कर सकेंगे।