जानें पूरा मामला : छत्तीसगढ़ सरकार ने पूर्व महाधिवक्ता जेके गिल्डा को नहीं दी 1.10 करोड़ की फीस…हाईकोर्ट में लगाई याचिका

बिलासपुर। छत्तीसगढ़ सरकार को सर्वाधिक मामलों में जीत दिलाने वाले पूर्व महाधिवक्ता जुगल किशोर गिल्डा को न्याय के लिए हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाना पड़ा है। उनका आरोप है कि राज्य सरकार के लिए सुप्रीम कोर्ट में केस लड़ने की एवज में उन्हें फीस नहीं दी गई। उन्होंने कुल 1.10 करोड़ रुपए के भुगतान के लिए अदालत में याचिका दायर की है। पूरे मामले की सुनवाई जस्टिस राकेश मोहन पांडे की सिंगल बेंच में हुई।

94.22% मामलों में सरकार को दिलाई जीत

पूर्व महाधिवक्ता जुगल किशोर गिल्डा अपनी तेज तर्रारी और हाजिर जवाबी के लिए जाने जाते हैं। उनके रहते रमन सरकार को अधिकतर मामलों में जीत हासिल हुई थी। गिल्डा ने 23 जनवरी 2014 को छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय में महाधिवक्ता का पदभार ग्रहण किया था। इसके पूर्व वह छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय में ही जून 2006 से अतिरिक्त महाधिवक्ता के पद पर कार्यरत थे। गिल्डा ने महाधिवक्ता रहते सर्वाधिक 94.22 प्रतिशत मामलों में सफलता हासिल की थी। लेकिन 2018 में राज्य में सरकार बदलने के बाद उन्होंने इस्तीफा दे दिया था। अब वे सुप्रीम कोर्ट में प्रैक्टिस कर रहे हैं।

क्या है पूरा मामला, CSIDC ने क्या जवाब दिया?

दरअसल, गिल्डा ने अपनी याचिका में कहा है कि, सुप्रीम कोर्ट में उन्होंने महाधिवक्ता रहते कई बार राज्य सरकार की तरफ से CSIDC(छत्तीसगढ़ इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन) समेत कई मामलों में पैरवी की थी। लेकिन उन्हें फीस नहीं दी गयी। वहीं मामले में CSIDC की ओर से कहा गया कि, पूर्व महाधिवक्ता गिल्डा को सरकार ने नियुक्त नहीं किया था। जिसपर गिल्डा के वकील ने कहा कि वे सरकार की ओर से महाधिवक्ता नियुक्त थे। ऐसे में उनके केस में अलग से नियुक्त करने का सवाल ही नहीं उठता है। बता दें कि, अदालत ने मामले को अंतिम सुनवाई के लिए 26 फरवरी रखा है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Recent Post

Live Cricket Update

You May Like This

error: Content is protected !!

4th piller को सपोर्ट करने के लिए आप Gpay - 7587428786

× How can I help you?