हाथी ड्यूटी एवं नक्सली क्षेत्र की आड़ में वन विभाग के बीट गॉर्ड, दैनिक श्रमिकों, Dy रेंजर एवं SDO की ओड़िशा के तस्करो से मिलीभगत की आशंका – कटवा दिया कोर एरिया में 250 से ज्यादा हरे-भरे सागोन के पेड़।
“ईमानदार वन चौकीदार और DFO के मुखबिरी तंत्र से फूटा भांडा. लगातार DFO को करते रहे गुमराह. एन्टी पोचिंग टीम द्वारा पकडे गए आरोपियों को अभिरक्षा से भगाते रहे. ना बयान लिए ना जप्तिनामा पर हस्ताक्षर.”
सैगोन के हरे-भरे वृक्ष की अवैध कटाईसैगोन के हरे-भरे वृक्ष की अवैध कटाईसैगोन के हरे-भरे वृक्षों की अवैध कटाई की गूगल मानचित्र
“DFO के मुखबिर तंत्र से हुआ पर्दाफाश. दैनिक श्रमिक मिनेश यादव के पेट्रोलिंग App data से पता लगा कि उसके द्वारा सागोन तस्करी क्षेत्र में कई बार आना जाना किया था जिससे तस्करो से मिलना जुलने की भरपूर आशंका है।”
“ओड़िशा जाते समय पेट्रोलिंग App बंद करना भूल जाता था इसीलिए पकड़ में आयी संदिग्धता”
सैगोन के हरे-भरे वृक्ष की अवैध कटाईसैगोन के हरे-भरे वृक्ष की अवैध कटाई
मुखबिर से प्राप्त सूचना के आधार पर 26 सितम्बर 2023 को सोनपुर (ओड़िशा – टाइगर रिज़र्व सीमा से 15-20 किलोमीटर) में सागोन तस्करो के ठिकानो पर छापा मारा था. छापेमारी के दौरान संज्ञान में आया था कि सागोन टाइगर रिज़र्व क्षेत्र से आ रही है क्योंकि ओड़िशा के उस क्षेत्र में सागोन के जंगल नहीं है लेकिन स्पष्ट रूप से किस जगह से इसका पता नहीं चला था. इसके ठीक अगले दिन श्री वरुण जैन, उपनिदेशक द्वारा ओड़िशा सीमा से लगे खल्लारी का बीट निरिक्षण किया गया (जिसमे 3-4 सागोन ठूठ ही बरामद हुए) जिसमे शामिल दैनिक श्रमिक, केशव पाण्डेय (तत्कालीन वन रक्षक बर्खास्त), dy रेंजर DL साहू भी उपस्थित थे लेकिन इन्होने DFO को सागोन कटाई की कोई सूचना नहीं दी.
इसके तीन माह बाद 25 december को वन चौकीदार उदय राम यादव (जिन्होंने 10 दिन पूर्व ही प्रभार लिया था) ने ओड़िशा के 15 तस्करो के टाइगर रिज़र्व क्षेत्र में घुसने की जानकारी जब Dy रेंजर DL साहू को दी तो उन्होंने गुमराह करते हुए बोला कि देवता पूजा के लिए गाँव वाले आये होंगे और हाथी ड्यूटी में स्टाफ के जाने का बहाना कर मदद देने से इंकार कर दिया. तब वन चौकीदार ने तत्काल इसकी सूचना एन्टी पोचिंग टीम के सब-नोडल अधिकारी (RO रिसगाँव) को दीं जिन्होंने टीम बनाकर सागोन ले जाते 15 साईकिल सवार पर दबिश देकर 1 तस्कर को पकड़ा. इस पकडे गए तस्कर की निशानदेहि पर अगले दिन 26 दिसंबर को ओड़िशा के काण्डतारा/राजपुर से 2 और तस्करो को एन्टी पोचिंग टीम एवं अन्य स्टाफ ने हिरासत में लिया. लेकिन इसी शाम एवं रात को दोनों तस्कर अभिरक्षा से भाग गए जिसमे विभागीय कर्मचारियों की मिलीभगत कि आशंका उजागर हुई. इसके बाद 27 दिसंबर को धमतरी पुलिस साइबर सेल की मदद से एन्टी पोचिंग टीम ने 4 और फरार तस्करो को पकड़ा. फरार तस्करो को पकड़ा जाते देख SDO M.R साहू ने एन्टी पोचिंग टीम पर ही सवाल उठाने शुरू कर दिये और आरोपियों का ब्यान लेना एवं फरार आरोपियों की गिरफ़्तारी एवं पूछताछ करने से हाथ खड़े कर लिए और RO रिसगांव की नियुक्ति और वन चौकीदार को बीट का प्रभार (जिन्होंने तस्करी का पर्दाफाश किया) देने पर ही सवाल खड़े कर दिये जिससे आशंका है कि इनके द्वारा तस्करो को अप्रत्यक्ष रूप से संरक्षण दिया जा रहा है. इसके अतिरिक्त PCCF को पत्र लिखकर ओड़िशा से सागोन जप्त कर छत्तीसगढ़ लाने पर उपनिदेशक की कार्रवाई पर ही सवाल खड़े करने लगे और जातिसूचक शब्दों के प्रयोग के झूठे आरोप उपनिदेशक पर लगाते रहे।
ओड़िशा के तस्करो द्वारा इतने बड़े पैमाने पर पिछले 5-6 माह से अवैध कटाई को अंजाम देने में विभागीय कर्मचारियों की मिलीभगत की भरपूर आशंका है जो कि दैनिक वेतन भोगी श्री मिनेश यादव के पेट्रोलिंग app से भी उजागर हुई है जिसमे उनकी लोकेशन कई बार काण्डतारा/राजपुर में दिखाई दे रही है (छापा मारने वाली जगह से मात्र 800 मीटर दूर ). इसके अतिरिक्त Dy रेंजर और दैनिक वेतन भोगी मिनेश यादव के द्वारा अपने मोबाइल के कॉल रिकार्ड्स एवं व्हाट्सप्प कॉल्स को डिलीट कर लिया गया जिसके बाद पुलिस से CDR माँगा गया है. विभागीय कर्मचारियों से ना बल्कि मुखबिरो से सूचना प्राप्त होना एक बड़े सुनियोजित ढंग से कार्य कर रहे गिरोह की तरफ इशारा कर रहा है जिसके बारे में दिनांक 30 जनवरी, 2024 को PCCF को 373 पन्ने की प्राथमिक रिपोर्ट लिखकर अवगत कराया गया है. गिरफ़्तारी से बचने के लिए दैनिक वेतन भोगी मिनेश यादव ने DFO एवं एन्टी पोचिंग टीम पर मारपीट की झूठी शिकायत सिहावा थाने में 3 फरवरी को दर्ज कराई है.
जंगल की अवैध कटाई के वीडियोसैगोन के हरे-भरे वृक्ष की अवैध कटाईसैगोन के हरे-भरे वृक्ष की अवैध कटाईसैगोन के हरे-भरे वृक्ष की अवैध कटाई