सिलक्यारा सुरंग से सकुशल निकाले गए 41 मजदूर, रेस्क्यू ऑपरेशन में इस टनल विशेषज्ञ ने निभाई अहम भूमिका, जानिए उनके बारे में

उत्तरकाशी। उत्तराखंड़ के उत्तरकाशी सिलक्यारा सुरंग से 17 दिनों बाद अच्छी खबर आई है। सुरंग में फंसे सभी 41 मजदूर सकुशल बाहर निकाल लिये गए हैं। इन मजदूरों को बाहर निकालने में रेस्क्यू टीम की महत्वपूर्ण भूमिका रही। इसमें केंद्र सरकार की कई टीमें जुटी थी। इन सब प्रयासों के बीच लगातार बचाव दल ने दिन रात कड़ी मेहनत की। बचाव दल ने सभी वैज्ञानिक प्रयास किए। कई प्लान बनाए। विदेशी विशेषज्ञों की मदद ली गई। विदेश से मशीनें मंगवाई गईं। इसके साथ ही विदेश विशेषज्ञों की भी मदद ली गई। इसमें से एक इंटरनेशनल टनलिंग एंड अंडरग्राउंट स्पेस एसोसिएशन के अध्यक्ष प्रोफेसर अर्नोल्ड डिक्स हैं।

अर्नोल्ड डिक्स ने सुरंग से 41 मजदूरों को निकालने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। उन्होंने तकनीक के साथ चमत्कार पर भी विश्वास जताया। उनकी देखरेख में ही बचाव अभियान चलाया गया। रिपोर्ट के अनुसार, उनसे संपर्क होने के बाद विदेशों से जानकार और मशीनें मंगवाई गई। उन्होंने सुरंग पर हमेशा सभी को पॉजिटिव रहने की सलाह दी। मजदूरों से लगातार संपर्क में रहे।

विशेषज्ञ डिक्स के नेतृत्व में  प्लान बी पर भी काम किया जा रहा था। उनके नेतृत्व में वर्टिकल ड्रिलिंग की जा रही थी। जब मीडिया ने इसके बारे में पूछा तो उन्होंने बताया कि पिछले कुछ घंटों में हमें जो खबर मिली है, वह निश्चित रूप से शानदार है। उन लोगों के चेहरे देखना बहुत अच्छा है, जिन्हें हम घर लाने जा रहे हैं। हमारे पास उनके लिए अब भोजन है, हमारे पास उनसे संचार है। हमारे पास बचाव के लिए कई दृष्टिकोण हैं। वर्टिकल ड्रिलिंग के लिए दो स्थानों की पहचान की गई है।

 

कौन हैं अर्नोल्ड डिक्स

प्रोफेसर अर्नोल्ड डिक्स आस्ट्रेलिया के रहने वाले हैं। उनकी पहचान अंतर्राष्ट्रीय टनलिंग विशेषज्ञ के रूप में है। उन्हें टनल फायर सेफ्टी में विशेषज्ञता हासिल है। वे इंटरनेशनल टनलिंग एंड अंडरग्राउंड स्पेस एसोसिएशन के अध्यक्ष भी हैं। उनकी गिनती विश्व के चुनिंदा अंडरग्राउंड टनल और इंफ्रास्ट्रक्चर एक्सपर्ट में होती है।

डिक्स ने अपने करियर में इंजीनियरिंग, भूविज्ञान, कानून और रिस्क मैनेजमेंट मामलों में महत्वपूर्ण काम किया है। इन सब में तीन दशकों से अधिक का उनका अनुभव है। इसके साथ ही डिक्स अंडरग्राउंड वर्क्स चैंबर्स, विक्टोरियन बार, ब्रिटिश इंस्टीट्यूट ऑफ इन्वेस्टिगेटर्स के सदस्य हैं। टोक्यो सिटी यूनिवर्सिटी में इंजीनियरिंग (सुरंगों) में विजिटिंग प्रोफेसर भी हैं। उन्होंने टनल के मामले में कई बड़े प्रोजेक्ट किए हैं। इस वजह से उन्हें कई अंतरराष्ट्रीय पुरस्कारों से भी सम्मानित किया गया है।

बता दें कि अर्नोल्ड डिक्स को भारत सरकार ने बतौर एक्सपर्ट सिलक्यारा बुलाया था। उन्होंने सिलक्यारा सुरंग हादसे में 41 मजदूरों को निकालने में अहम भूमिका निभाई है।

भारत सरकार के बुलावा आने पर उन्होंने कहा था कि 41 लोगों को सुरक्षित घर लाने के मिशन में अपने भारतीय मित्रों और सहकर्मियों के साथ सेवा करना मेरे लिए सम्मान की बात है। यदि आप हमें एक दयालु विचार या अपने भगवान से प्रार्थना कर सकें तो हमारी टीम द्वारा इसकी बहुत सराहना की जाएगी और शायद काली द्वारा (मां काली) भी सुनी जाएगी।

अर्नोल्ड डिक्स ने बाबा बौखनाग में की पूजा

सिलक्यारा सुरंग के पास बाबा बौखनाग का मंदिर है। इसमें अर्नोल्ड डिक्स मंगलवार को पूजा करते दिखे। मंदिर के नीचे पुजारी संग मजदूरों की सकुशल वापसी के लिए प्रार्थना की। भगवान ने उनकी यह प्रार्थना सुन ली।

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