केंद्र सरकार ने लैपटॉप, कंप्यूटर और टैबलेट के आयात पर लगाया बैन…जानें आखिर सरकार ने क्यों लिया ये फैसला

नई दिल्ली : भारत सरकार ने चीन को तगड़ा झटका देते हुए आयातित लैपटॉप, टैबलेट, ऑल-इन-वन पर्सनल कंप्यूटर, अल्ट्रा स्मॉल फॉर्म फैक्टर (USFF) कंप्यूटर और सर्वेर के आयात पर ‘अंकुश’ लगा दिया है।

आयात पर यह अंकुश तत्काल प्रभाव से लागू है। साधारण शब्दों में कहें तो अब भारत में चीन निर्मित इलेक्ट्रॉनिक सामान नहीं मिल सकेंगे। सरकार ने यह फैसला भारत में इन वस्तुओं का निर्माण बढ़ाने और चीन से आयात को घटाने के लिए किया है।

सरकार ने इलेक्ट्रॉनिक्स सामान के घरेलू विनिर्माण को प्रोत्साहन देने के लिए कई कदम उठाए हैं। भारतीय बाजार में बिकने वाले प्रमुख इलेक्ट्रॉनिक ब्रांड में एचसीएल, सैमसंग, डेल, एलजी इलेक्ट्रॉनिक्स, एसर, एप्पल, लेनोवो और एचपी शामिल हैं। इस रोक के बाद अब एचपी, डेल, लेनोवो जैसी कंपनियों को भारत में इनकी मैन्युफैक्चरिंग पर फोकस करना होगा।

ये कंपनियां सीधे चीन से तैयार प्रोडक्ट इंपोर्ट नहीं कर पाएंगी। भारत ने 2022-23 में लैपटॉप सहित 5.33 अरब डॉलर मूल्य के पर्सनल कंप्यूटर का आयात किया है। 2021-22 में यह आंकड़ा 7.37 अरब डॉलर रहा था।

क्या होगा इस बैन का असर

पिछली तिमाही (अप्रैल-जून) में, इलेक्ट्रॉनिक्स आयात, जिसमें ये तीन वस्तुएं शामिल थीं, कुल 19.7 बिलियन डॉलर का था। पिछले वर्ष की तुलना में यह 6.25 प्रतिशत ज्यादा है। हालाँकि, यह कदम Dell, Acer, Samsung, Panasonic, Apple, Lenovo और HP जैसी कंपनियों के लिए चुनौती खड़ी कर सकता है। ये कंपनियां भारतीय बाजार में प्रमुख खिलाड़ी हैं और उपभोक्ता मांगों को पूरा करने के लिए, विशेष रूप से चीन जैसे देशों से आयात पर निर्भर हैं।

क्या है इस अंकुश का मतलब

किसी उत्पाद के आयात को अंकुश की श्रेणी में डालने का मतलब है कि उनके आयात के लिए लाइसेंस या सरकार की अनुमति अनिवार्य होगी। वैध लाइसेंस होने पर इन उत्पादों के आयात की अनुमति दी जाएगी। यानी अब विदेशों से ये उत्पाद भारत नहीं आएंगे। उनके आयात के लिए भारत सरकार से अनुमति जरूरी होगी।

20 वस्तुओं के आयात की छूट

अधिसूचना में कहा गया है कि सूक्ष्म कंप्यूटर, बड़े कंप्यूटर और कुछ डाटा प्रोसेसिंग मशीनों को भी आयात अंकुश की श्रेणी में रखा गया है। विदेश व्यापार महानिदेशालय (डीजीएफटी) ने बृहस्पतिवार को जारी अधिसूचना में कहा कि शोध एवं विकास, परीक्षण, बेंचमार्किंग, मूल्यांकन, मरम्मत तथा उत्पाद विकास के उद्देश्य से प्रति खेप अब 20 वस्तुओं तक आयात लाइसेंस की छूट रहेगी। इस कदम का मकसद चीन जैसे देशों से आयात घटाना है।

ईकॉमर्स कंपनियों को मिली छूट

ये अंकुश बैगेज नियम के तहत लागू नहीं होंगे। अधिसूचना में कहा गया, ‘‘एक लैपटॉप, टैबलेट, ऑल-इन-वन पर्सनल कंप्यूटर, ई-कॉमर्स पोर्टल के जरिये खरीदे गए, डाक या कूरियर से मंगाए जाने वाले उत्पाद पर आयात लाइसेंस की अनिवार्यता की छूट रहेगी। ऐसे मामलों में लागू शुल्क का भुगतान कर आयात किया जा सकता है।’’

भारत इन तीन चीजों का सबसे ज्यादा करता है आया

शोध संस्थान ग्लोबल ट्रेड रिसर्च इनिशिएटिव (जीटीआरआई) की एक रिपोर्ट के अनुसार, भारत का चीन से 65 प्रतिशत आयात सिर्फ तीन उत्पाद समूहों इलेक्ट्रॉनिक्स, मशीनरी और जैविक रसायन का होता है। रिपोर्ट में कहा गया कि भारत अपनी दैनिक जरूरतों तथा औद्योगिक उत्पादों मसलन मोबाइल फोन, लैपटॉप, कलपुर्जे, सौर सेल मॉड्यूल और आईसी के लिए चीन पर काफी हद तक निर्भर है।

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