‘आई फ्लू’ की चपेट में आ रहे हैं लोग…बच्चे हों या बूढ़े सबको लग रहा ये रोग !

गर्मी से तपी ज़मीन पर मानसून में बारिश की बौछार से मौसम में जो ठंडक आती है उसके साथ ही ज़मीन की तपन भी धीरे-धीरे उमस बनकर बाहर आ जाती है और कई मौसमी बीमारियां साथ में लाती है जैसे वायरल फीवर, पेट संबंधी समस्याएं, और कुछ वायरस जिनमें आई फ्लू भी शामिल है और इस बार इस वायरस ने खूब जोर पकड़ा है, आइए जानते हैं इसके बचाव –

राजधानी दिल्ली में ज्यादा फ़ैल रहा है संक्रमण –

यमुना के बढे जल स्तर की वजह से बाढ़ से जूझ रही दिल्ली पर एक और संकट आ पड़ा है जिसमें मौसमी बीमारियों के साथ साथ जो सबसे ज्यादा परेशानी पैदा कर रहा है वो है आई फ्लू, जिसकी वजह से दिल्ली के अस्पतालों में पिछले कुछ दिन से मरीजों की संख्या 50 प्रतिशत बढ़ी है जिनमें ज़्यादातर संख्या बच्चों की है, आमतौर पर आई फ्लू एक वायरस की वजह से होता है जोकि बारिश और उमस की वजह से पैदा होता है और ये देखने से नहीं बल्कि छूने से फैलता है लेकिन इस वायरस की उम्र लगभग एक सप्ताह होती है जिसके बाद ये अपने आप ठीक हो जाता है !

इससे बचने के कुछ उपाय –

संक्रमित व्यक्ति अपनी आंखों को हाथ से ना छुए

आंखों में खुजली होने पर उन्हें मसलें नहीं

आंखों को बार बार ठंडे पानी से धोते रहें

अपने हाथों को सैनेटाईजर से साफ़ करते रहें

इस बार ‘आई फ्लू’ का प्रभाव बाकी सालों से ज्यादा क्यों दिख रहा है ?

आमतौर पर हर साल ये देखा जाता है कि बारिश के मौसम में वायरल फीवर और वायरस संबंधी बीमारियां जैसे फ्लू वगैरा आते ही जोकि हाईजीन की वजह से भी होते हैं लेकिन इस साल आई फ्लू देश में कुछ ज्यादा पांव पसार रहा है और उसकी बड़ी वजह है भारी बारिश और उमस और वहीं दिल्ली में इनके अतिरिक्त एक वजह बाढ़ और बाढ़ से पैदा गंदगी भी है ! आगे रोकथाम के लिए लोगों के सैंपल लैब में भेज दिए गए हैं और ये मामूली संक्रमण है या इन्फेक्शन ये रिपोर्ट आने के बाद ही पता चलेगा !

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